नई दिल्ली I कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता प्रस्ताव को कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ठुकरा दिया है. शशि थरूर ने कहा कि हमें मध्यस्थ की जरूरत नहीं है. हमें पाकिस्तान से बात करने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन अगर वे एक हाथ में बंदूक और दूसरे में बम रखते हैं तो हम उनसे बात नहीं कर सकते. उन्हें आतंक के अड्डों को बंद करवाना चाहिए.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि इस मसले पर कांग्रेस और बीजेपी का रुख एक ही है. हम सिर पर बंदूक रखकर बातचीत नहीं कर सकते. यह भारत की स्थिति है. कश्मीर पर तीसरे पक्ष की कोई आवश्यकता नहीं है. हम उनसे (पाकिस्तान) अभी बात नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे आतंकवादियों को पनाह दे रहे हैं और हम इसे स्वीकार नहीं करते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फादर ऑफ इंडिया कहने पर शशि थरूर ने कहा कि शायद डोनाल्ड ट्रंप नहीं जानते कि स्वतंत्र भारत का जन्म 1947 में हुआ था और मोदी जी की जन्मतिथि 1949 या 50 है. ऐसे में मुश्किल है पिता बच्चे के बाद पैदा हुआ हो.
ट्रंप ने की थी मध्यस्थता की पेशकश
बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि मैंने भारत और पाकिस्तान के नेताओं के साथ कश्मीर पर चर्चा की है और उन्हें मध्यस्थता की पेशकश की है और उनसे अपील की कि इस मामले को बस सुलझा लें और खत्म करें. ट्रंप ने कहा था कि मजबूत संबंध बनाने और निष्पक्ष द्विपक्षीय व्यापार पर पाकिस्तान और भारत के नेताओं के साथ हुई.
इमरान ने की थी ट्रंप से मध्यस्थता की अपील
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि आप जानते हैं ट्रंप कश्मीर पर मध्यस्थता करना चाहते हैं और उन्होंने यह भी कहा है कि पहले भारत और पाकिस्तान को इसके लिए सहमत होना चाहिए, लेकिन, दुर्भाग्य से भारत हमसे बातचीत करने से इनकार कर रहा है.
भारत ने खारिज कर दिया था मध्यस्थता का प्रस्ताव
मध्यस्थता के प्रस्ताव पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि मैंने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को अवगत कराया कि कश्मीर मामले पर यदि किसी बातचीत की जरूरत पड़ी तो वह सिर्फ पाकिस्तान के साथ होगी और वह द्विपक्षीय होगी. कश्मीर पर हमें तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है.
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