नई दिल्ली। दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में एक बार फिर बवाल देखने को मिला है. इस बार नकाबपोश लोगों ने जेएनयू में छात्रों की पिटाई की. घायल छात्रों को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(AIIMS) में भर्ती कराया गया. एम्स ट्रॉमा सेंटर के अधिकारी के मुताबिक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से 18 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस दौरान कई घायलों के सिर से खून बह रहा था.
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में छात्रों पर हुए हमले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने एक स्पेशल टीम गठित की है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने इस जांच के आदेश दिए हैं. दिल्ली पुलिस की ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी सिंह यह जांच करेंगी. जेएनयू में हुई हिंसा पर गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से पूरी जानकारी मांगी है.
रविवार शाम जेएनयू में हुई हिंसा की जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन ने दिल्ली पुलिस को दी है. जानकारी के साथ ही हिंसा की वारदातों को रोकने के लिए पुलिस को भी यूनिवर्सिटी कैंपस में बुलाया गया है.
प्रियंका गांधी ने घायल छात्रों से की मुलाकात
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जेएनयू के घायल छात्रों से मुलाकात की. छात्रों से प्रियंका गांधी एम्स के ट्रॉमा सेंटर में मिलने पहुंची हैं. छात्रों से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया कि एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती घायल छात्रों ने कहा है कि कैंपस के भीतर छात्र घुसे और लाठी और अन्य हथियारों से हम पर हमला किया.
प्रियंका गांधी ने कहा कि कई छात्रों के घुटने और सिर में चोटें आई हैं. एक छात्र ने कहा कि पुलिस ने उसे कई पैरों से उसके सिर पर वार किया. एक अन्य ट्वीट में प्रियंका गांधी ने कहा कि इस सरकार के साथ कुछ बेहद गलत है. यह सरकार अपने ही बच्चों के खिलाफ हिंसक घटनाओं को अंजाम दिला रही है.
कैंपस में बड़ी संख्या में पुलिस तैनात
जेएनयू हिंसा पर डीसीपी साउथ वेस्ट देवेंद्र आर्या का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस को जेएनयू परिसर में दाखिल होने की लिखित अनुमति दी. इसके बाद पुलिस ने यहां पहुंचकर स्थिति को अपने नियंत्रण में ले लिया. डीसीपी देवेंद्र आर्या के मुताबिक फिलहाल जेएनयू के अंदर स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. पुलिस ने सभी आवश्यक प्वाइंट्स पर पुलिस बल तैनात कर दिए हैं.
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