देहरादून। प्रदेश में अब जल्द ही आउटसोर्स कार्मिकों के मानदेय को एक समान किया जा सकता है। प्रदेश में होमगार्ड का मानदेय बढ़ाने के बाद अब सरकार पर सभी आउटसोर्स कार्मिकों का मानदेय न्यूनतम 600 रुपये करने का दबाव भी पड़ने लगा है। सूत्रों की मानें तो इस संबंध में मुख्य सचिव स्तर पर चर्चा हो चुकी है। वित्त विभाग इसमें आने वाले व्ययभार का अध्ययन कर रहा है। इसके बाद इस दिशा में कदम आगे बढ़ाया जा सकता है।

प्रदेश सरकार ने कुछ समय पहले ही होमगार्ड के जवानों का मानदेय 600 रुपये किया है। इनकी संख्या तकरीबन 6500 है। इसके बाद कुछ दिनों पहले ही पीआरडी स्वयंसेवकों का मानदेय 450 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये किया गया है। इनकी संख्या चार हजार के आसपास है। होमगार्ड व पीआरडी के जवानों से विभिन्न महकमों में तकरीबन एक सा ही कार्य लिया जा रहा है। इनसे अनुसेवक व गार्ड आदि के रूप में विभागों में तैनात किया गया है। इस कारण पीआरडी कर्मी भी होमगार्ड की तरह ही समान कार्य, समान वेतन की मांग कर रहे हैं। 

इनके अलावा सरकार आउटसोर्सिंग पर उपनल के जरिये भी कार्मिक रख रही हैं। इन्हें चार श्रेणियों में रखा गया है, जिन्हें श्रेणी के हिसाब से मानदेय दिया जाता है। सबसे अधिक कार्मिक चतुर्थ व तृतीय श्रेणी का काम कर रहे हैं। अभी स्थिति यह है कि ये कार्मिक अब होमगार्ड व पीआरडी जवानों को माह अंत में मिलने वाले कुल मानदेय से कम वेतन प्राप्त कर रहे हैं। यह एक बड़ी विसंगति के रूप में सामने आया है। 
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