नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा पर राज्यसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि राजधानी में उत्पात एवं उपद्रव करने वाले चाहे किसी भी जाति अथवा मजहब के हों उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। गृह मंत्री ने कहा कि हिंसा करने वाले को कानून की जद में लाया जाएगा। शाह ने कहा कि दिल्ली हिंसा से पहले राजधानी में विदेशी एवं घरेलू स्रोतों से रकम लाई गई और इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

कांग्रेस के समय में भी दंगे हुए
शाह ने कहा कि कांग्रेस के समय में भी देश में दंगे हुए। इन्होंने दंगों को शांत करने का प्रयास किया होगा और हम भी दंगों को शांत करेंगे लेकिन इसको मेरी पार्टी और विचारधारा पर मढ़ने का प्रयास निंदनीय है। कांग्रेस के शासन में 76% लोग दंगों में मारे गए।

एनपीआर में डी श्रेणी नहीं होगी
अमित शाह ने कहा, 'मैं एक बार फिर दोहराना चाहता हूं कि एनपीआर के लिए किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। जो भी सवाल पूछे जाएंगे उसका जवाब देना वैकल्पिक होगा। किसी को भी एनपीआर की प्रक्रिया से डरने की जरूरत नहीं है। एनपीआर में कहीं भी 'डी' श्रेणी नहीं होगी।'

'सीएए पर झूठ फैलाया जा रहा है'
गृह मंत्री ने कहा कि मैं मुस्लिम भाइयों एवं बहनों से एक बार फिर कहता हूं कि सीएए को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है। यह कानून किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं बल्कि देने के लिए है।

शांति समितियों की बैठक 25 फरवरी से शुरू हुई
गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली में हिंसा के बाद 25 फरवरी की सुबह से ही हर थाने में शांति समितियों की बैठक बुलाना शुरू कर दी गई थी। 26 फरवरी तक 321 अमन समितियों की बैठक बुलाकर हमने सभी संप्रदाय के धर्म गुरुओं से, दंगे न फैले इसके लिए उनसे अपने प्रभाव का प्रयोग करने की विनती की थी।
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