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भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया कि घर लौट रहे प्रवासी कामगारों को किराये का भुगतान नहीं करना होगा, क्योंकि रेल यात्रा निशुल्क होगी। स्वामी ने कहा कि पीयूष गोयल के दफ्तर से बात की है।
नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को कहा कि रेलवे ने प्रवासी कामगारों को ले जाने के लिए चलाई जा रही विशेष ट्रेनों के टिकट के किराये में 85 प्रतिशत की सब्सिडी दी है और शेष 15 फीसदी किराया राज्य सरकार को देना होगा। पार्टी की यह प्रतिक्रिया इस मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा केंद्र सरकार पर हमला करने के बाद आई है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि संबंधित राज्य सरकार भी टिकट के लिए भुगतान कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार यह कर रही है। उन्होंने राहुल गांधी से कहा कि वह कांग्रेस शासित राज्यों को भी ऐसा ही करने को कहें। 
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गरीब प्रवासी मजदूरों से किराये का पैसा लेने के लिए रेलवे पर हमला किया था। हालांकि रेलवे ने पीएम केयर्स कोष में 151 करोड़ रुपये का दान दिया है। पात्रा इसी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। पात्रा ने ट्वीट किया कि राहुल गांधी जी मैंने केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश संलग्न किए है, जिसमें साफ-साफ लिखा है किसी भी स्टेशन पर कोई भी टिकट नहीं बेचा जाएगा। रेलवे ने 85 प्रतिशत की सब्सिडी दी है और राज्य सरकारें 15 फीसदी का भुगतान करेंगी। राज्य सरकार टिकट के पैसों का भुगतान कर सकती हैं (मध्य प्रदेश सरकार भुगतान कर रही है)। कांग्रेस शासित राज्यों से ऐसा ही करने के लिए कहिए। भाजपा नेता ने स्पष्ट किया कि प्रत्येक श्रमिक एक्सप्रेस में गंतव्य तक पहुंचने के लिए लगभग 1,200 टिकट रेलवे द्वारा संबंधित राज्य सरकार को सौंपे जाते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को टिकट की कीमत साफ करनी चाहिए और टिकटों को कामगारों को सौंपना चाहिए। 
कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि उसने निर्णय लिया है कि वह लॉकडाउन की वजह से कार्यस्थलों पर फंसे प्रवासी कामगारों और श्रमिकों के घर जाने के लिए रेलवे के टिकट का खर्च उठाएगी। कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने एक बयान में पार्टी के फैसले का ऐलान किया है। एक ट्वीट में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया कि घर लौट रहे प्रवासी कामगारों को किराये का भुगतान नहीं करना होगा, क्योंकि रेल यात्रा निशुल्क होगी। स्वामी ने कहा कि पीयूष गोयल के दफ्तर से बात की है। केंद्र सरकार 85 प्रतिशत का और राज्य सरकार 15 फीसदी क भुगतान करेंगी। प्रवासी मजदूर निशुल्क जाएंगे। मंत्रालय एक सरकारी बयान में यह स्पष्ट करेगा।




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