नई दिल्ली: दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के उद्देश्य से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना गुरुवार को भारत की चार दिवसीय यात्रा पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचीं। आज सबसे पहले वह नई दिल्ली में विश्व आर्थिक मंच (WEF) द्वारा आयोजित भारत आर्थिक शिखर सम्मेलन में मुख्य अतिथि तौर पर में भाग लेंगी। यात्रा के दौरान, बांग्लादेश के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात करेंगी और 5 अक्टूबर को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगी। विदेश मंत्रालय (MEA) के एक प्रेस बयान में कहा गया कि बांग्लादेश और भारत में चुनाव पूरा होने के बाद हसीना की यह पहली भारत यात्रा है।
बयान में कहा गया है कि यात्रा के दौरान पक्षों के बीच कई समझौतों के अलावा दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच संयुक्त रूप से तीन द्विपक्षीय परियोजनाओं का वीडियो लिंक के जरिए उद्घाटन होगा।' 27 सितंबर को हसीना और मोदी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73 वें सत्र के मौके पर मिले थे, जहां दोनों नेताओं ने आतंकवाद और हिंसक अतिवाद के खिलाफ अपने जीरो टोलेरेंस के दृष्टिकोण को दोहराया और कहा कि दोनों देशों के बीच परस्पर विश्वास और सुरक्षा क्षेत्र में मजबूत संबंध बनाए गए थे।
हसीना की भारत यात्रा के दौरान, दोनों देशों से रोहिंग्या और तीस्ता नदी जल बंटवारे के मुद्दों की समीक्षा करने की उम्मीद की जा रही है, इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में समझौते भी किए जाएंगे। ढाका ट्रिब्यून ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त, सैयद मुअज्जम अली के हवाले से कहा कि प्रधानमंत्री हसीना और उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी तीस्ता के साथ-साथ रोहिंग्याओं सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा जरूर कर सकते हैं।
मुअज्जम अली ने कहा कि भारत इकोनॉमिक फोरम की बैठक के दौरान, दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में कनेक्टिविटी, संस्कृति, तकनीकी सहयोग और व्यापार और निवेश समेत कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अब तक यह पुष्टि की गई है कि 7 से 8 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाने हैं।
पांच अक्टूबर को दो प्रधानमंत्रियों की द्विपक्षीय बैठक के बाद अधिक कनेक्टिविटी, सांस्कृतिक और तकनीकी सहयोग, व्यापार और निवेश पर बात होगी। हालांकि, उच्चायुक्त ने यह भी कहा कि एमओयू की संख्या 10 हो सकती है। मुअज्जम ने आगे कहा कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री भी प्रमुख भारतीय निवेशकों से अधिक निवेश की मांग करेंगे।
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