वर्धा : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुछ उद्योगपतियों का भोंपू करार देते हुए कहा कि उनकी रणनीति एक जेबकतरे जैसी है जो चोरी से पहले लोगों का ध्यान बांट देता है। महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले यवतमाल जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मून मिशन और जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के रद्द होने के बारे में बोलते हैं लेकिन किसानों और बेरोजगारी जैसे आम लोगों के मुद्दों पर चुप रहते हैं।
उन्होंने दावा किया कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और नोटबंदी ने छोटे और मझोले उद्यमियों, किसानों, मजदूरों और गरीब लोगों की कमर तोड़ दी। जब तक मोदी सरकार सत्ता में है, बेरोजगारी की समस्या देश में लगातार बनी रहेगी। छह महीनों में बेरोजगारी की समस्या बढ़ेगी। कॉरपोरेट कर में रियायत के सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए गांधी ने कहा कि कुछ उद्योगपतियों को ऐसे फायदे दिये गए लेकिन समाज के गरीब वर्ग को नहीं। उन्होंने दावा किया कि सरकार की बंदरगाह, एअर इंडिया, कोयला खदानों और सार्वजनिक उपक्रमों जैसी देश की संपदाओं के निजीकरण की योजना है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी अडाणी और अंबानी के भोंपू हैं। एक जेबकतरे की तरह, जो चोरी से पहले लोगों का ध्यान बांटता है, उनका (मोदी) एकमात्र काम आपका ध्यान बांटना है जिससे वह आपका रुपया कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों को दे सकें। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), भोजन का अधिकार, भूमि अधिग्रहण और जनजाति कानून में संशोधन किया गया लेकिन सरकार को जीएसटी में संशोधन स्वीकार्य नहीं।
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