देहरादून I छात्रवृति घोटाले में शामिल निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने का सिलसिला जारी है। एसआईटी ने सोमवार को बहादराबाद, सिडकुल, भगवानपुर और पिरान कलियर में नौ शिक्षण संस्थानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। कुछ निजी शिक्षण संस्थान उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के भी है।
आरोप है कि पांच सालों में यह रकम दी गई है। छात्रों का फर्जी दाखिला दिखा संस्थानों ने करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति ली थी। एएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि सिडकुल, बहादराबाद, पिरान कलियर एवं भगवानपुर थाने में मुकदमे दर्ज कराए गए है।
अब तक हो चुकी इतनी गिरफ्तारी
एसआईटी की कार्रवाई की जद में अब तक निजी शिक्षण संस्थानों के 13 लोग आ चुके हैं। निजी शिक्षण संस्थानों के अलावा समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीता राम नौटियाल, आईटी सेल के संयुक्त निदेशक अनुराग शंखधर एवं तीन सहायक समाज कल्याण अधिकारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। एसआईटी अब तक जिले में अलग अलग 26 शिक्षण संस्थानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा चुकी है।
डीजीपी ने लिया संज्ञान तब टूटी एसआईटी की नींद
जिन निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, उस सूची में बड़ा नाम ग्रीन वे का भी है। दरअसल, ग्रीनवे का नाम मार्च में हाईकोर्ट को सौंपी सूची में एसआईटी ने दिया था लेकिन अब तक न तो ग्रीन वे के खिलाफ कार्रवाई हुई थी और न ही केस दर्ज हुआ था। पिछले दिनों डीजीपी कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने इसका संज्ञान लिया था, जिसके बाद एसआईटी की नींद टूटी। ग्रीनवे का ताल्लुक रूड़की के कांग्रेसी नेता अशोक चौहान से है।
उन्होंने मेयर पद के लिए पर्चा भी खरीदा था लेकिन वह निरस्त हो गया। उनका बेटा ऋषभ बॉलीवुड में कदम रख रहा है और उसकी फिल्म आने वाली है। कांग्रेसी नेता का शिक्षण संस्थान रूड़की में भी है।
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