नई दिल्ली: आज सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती है. गुरु नानक देव के जन्मदिन के मौके पर ही प्रकाश पर्व मनाया जाता है. देशभर में आज प्रकाश पर्व की रौनक है. पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर और दिल्ली का गुरुद्वारा बंगला साहिब समेत देशभर के गुरुद्वारे रोशनी में नहाए हुए हैं. कल से गुरुद्वारों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है. सिख गुरु नानक जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही हुआ था.

सिख समुदाय के पहले गुरु थे गुरु नानक

गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव के दिन गुरु पुरब मनाया जाता है. इसका मतलब है कि इसी दिन सिख गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था. माना जाता है कि गुरु नानक जी का जन्म पंजाब के तलवंडी में हुआ. तलवंडी को अब ननकाना साहिब नाम से जाना जाता है. गुरु पर्व कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता हैं. इस दिन को गुरु नानक जयंती के नाम से भी जाना जाता है.

गुरु नानक सिख समुदाय के पहले गुरु थे, इसलिए ही सिख समुदाय इस दिन को अपने पहले सिख गुरु के जन्मदिन के साथ ही साथ सिख समुदाय के जन्म दिवस के तौर पर भी मनाता है. गुरु नानक ही सिख धर्म के संस्थापक और प्रथम गुरु हैं.

आज के दिन गुरुद्वारों में शबद-कीर्तन किए जाते हैं

बता दें कि इस दिन गुरुद्वारों में शबद-कीर्तन किए जाते हैं. जगह-जगह लंगरों का आयोजन होता है और गुरुवाणी का पाठ किया जाता है. गुरू नानक सिखों के प्रथम गुरु (आदि गुरु) हैं. इनके अनुयायी इन्हें गुरु नानक, गुरु नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं.

गुरुनानाक देव जी का जन्म रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी नामक गांव में कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था. तलवंडी का नाम आगे चलकर नानक के नाम पर ननकाना पड़ गया. ननकाना साहिब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में है.
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