नागपुर I महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना में मुख्यमंत्री पद को लेकर चली लंबी खींचतान के बाद राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश कर दी. राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद एक तरफ जहां शिवसेना की ओर से लगातार बालासाहेब ठाकरे के स्मृति दिवस पर सरकार बनाने की बात कही जा रही है. वहीं दूसरी तरफ नई सरकार के गठन में जिस राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की भूमिका अहम मानी जा रही है, अब उसकी ओर से भी बयान आया है.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने कहा है कि सरकार बनाने में अभी थोड़ा और वक्त लगेगा. पवार शुक्रवार को नागपुर में कांग्रेस विधायक नितिन राउत के आवास पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने वार्तालाप के दौरान यह बातें कहीं.

उन्होंने मध्यावधि चुनाव की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि सरकार बनने में भले थोड़ा विलंब हो, लेकिन प्रदेश में 5 साल के लिए स्थायी सरकार बनाई जाएगी. पवार का यह बयान उनकी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ सरकार गठन के मुद्दे पर होने वाली बैठक से पहले आया है.

पवार की सोनिया के साथ होनी है बैठक

महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच दिल्ली में बैठक होनी है. जानकारी के मुताबिक सोनिया गांधी से मिलने के लिए शरद पवार 17 या 18 नवंबर को दिल्ली जाने वाले हैं. ऐसे में जब अभी तक तीनों दलों के बीच सरकार गठन से पहले ड्रॉफ्ट किए गए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर भी शीर्ष नेताओं की मुहर लगनी बाकी है, बालासाहेब ठाकरे के स्मृति दिवस पर सरकार गठन की संभावनाएं न के बराबर ही नजर आ रही हैं.

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव सत्ताधारी भाजपा और शिवसेना का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने साथ मिलकर लड़ा था. भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, वहीं शिवसेना 56 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में. चुनाव नतीजे आने के बाद शिवसेना और भाजपा के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर खींचतान शुरू हो गई. शिवसेना 50-50 फॉर्मूले पर अड़ गई और भाजपा के सीएम की कुर्सी देने को तैयार नहीं होने पर गठबंधन तोड़ते हुए केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री अरविंद सावंत से इस्तीफा दिलवा अपनी राहें जुदा कर ली थी.
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