नई दिल्ली। सात साल पहले दिल्ली की सड़कों पर निर्भया के साथ जो कुछ हुआ था उससे देश न केवल शर्मसार हुआ बल्कि गुस्से का वो पहाड़ बन कर खड़ा हुआ जिसका सामना सरकार के लिए करना मुश्किल था। निर्भया के गुनहगारों को सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की गई। लेकिन अदालती कार्रवाई के साथ साथ कुछ औपचारिकताओं के बाद अब ये साफ है कि उसके गुनहगारों को सजा मिलने जा रही है। तिहाड़ जेल के डीजी ने यूपी जेल के डीजी से मेरठ से जल्लाद भेजने का आग्रह किया था। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जल्लाद मेरठ से दिल्ली आएगा। तिहाड़ जेल ने जो चिट्ठी लिखी है उसके मुताबिक कुछ ऐसे कैदी हैं जिनके पास सभी तरह के कानूनी रास्ते बंद हो चुके हैं, अब उन्हें खुद को बचाने के लिए एक भी मौका नहीं है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय में दो जल्लाद हैं, बताया जा रहा है कि मेरठ के जल्लाद पवन कुमार को फांसी देने के लिए तिहाड़ जेल भेजा जाएगा। तिहाड़ में इस समय कोई जल्लाद नहीं है लिहाजा जेल प्रशासन ने देश की दूसरी जेलों से संपर्क किया है। इन सबके बीच तमिलनाडु के रामचंद्रपुरम जिले में तैनात हेडकांस्टेबल ने गुनहगारों को फांसी पर लटकाने की इच्छा जाहिर की है।

मेरठ के रहने वाले जल्लाद पवन कुमार आज से करीब चार साल पहले 2015 में चर्चा में आए थे। जब उनके काम का भुगतान नहीं किया गया था। वो एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर का अपने मेहनताने के लिए चक्कर लगा रहा था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पवन कुमार को हर महीने मिलने वाले भत्ते का भुगतान नहीं हुआ था। उसने अपने दर्द को बयां करते हुए कहा था कि कहने के लिए उसे 3000 हजार मिलते हैं लेकिन उसका भी भुगतान तय समय पर नहीं होता है। बता दें कि उसे मेरठ जेल में निठारी कांड के दोषी सुरेंद्र कोली के भी फांसी के काम को सौंपा गया था।
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