नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया केस और महाराष्ट्र में सिंचाई विभाग के मामले में एक बात समान है कि दोनों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। लेकिन आप को याद होगा कि पी चिदंबरम के वकीलों मे अदालत में जज के सामने कहा कि सीधे तौर पर वो जिम्मेदार नहीं हैं, सभी तरह की जवाबदेही अधिकारियों की है, यानि चिदंबरम पाक साफ है। अब बात करते हैं अजित पवार की, इनके नाम की पहचान बताने की जरुरत नहीं है।

महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो ने उन्हें सिंचाई घोटाले में क्लीन चिट दे दी है। 27 नवंबर को इस संबंध में बांबे हाईकोर्ट में एक हलफनामा पेश किया गया है जिसके मुताबिक अजित पवार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, क्योंकि सिंचाई परियोजनाओं को जमीन पर उतारने की कानूनी जिम्मेदारी एजेंसियों की थी ना कि उनकी। 

अजित पवार उस समय सुर्खियों में आए जब उन्होंने अपने चाचा शरद पवार से बगावत की और करीब चार दिन के लिए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बन गए । ये बात अलग है कि उन्होंने कार्यभार नहीं संभाला और 26 नवंबर को सुबह में इस्तीफा दे दिया था।
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