जयपुर। कोटा के जे के लोन अस्पताल में मातम पसरा हुआ है। जो नौनिहाल मौत को संघर्ष देने के लिए अस्पताल में भर्ती हुए हैं वो दम तोड़ रहे हैं, अब तक 104 बच्चे मौत की गाल में समा चुके हैं और इस मुद्दे पर सियासत जोरों पर है। आज केंद्रीय टीम अस्पताल का दौरा करेगी। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत कह चुके हैं कि अगर मौत के आंकड़ों को देखें तो उसमें कमी आई है। ये बात अलग है कि सोनिया गांधी ने नाराजगी जाहिर की थी। 

जे के लोन अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि जिन बच्चों को बचाया जा सकता है उसमें कामयाबी मिल रही है। लेकिन ज्यादातर बच्चे जो अस्पताल में भर्ती हैं उनकी हालत पहले से ही गंभीर है। ये बात अलग है कि हकीकत कुछ और ही है। मरीजों के तीमारदारों का कहना है कि अस्पताल में जरूरी उपकरणों की कमी है। डॉक्टर सिर्फ दिलासा देते हैं कि सबकुछ सही हो जाएगा। लेकिन बच्चे दम तोड़ रहे हैं और तीमारदारों के लिए मायूसी के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है। 

बीजेपी का कहना है कि बच्चों की मौत पर सियासत करने वालों को ये देखना चाहिए कि राजस्थान में क्या हो रहा है। वहां के सीएम कहते हैं कि आंकड़ों में कमी आई है। ऐसा लगता है कि उन्हें मासूम बच्चों की मौत की परवाह नहीं है, वो सिर्फ आंकड़ों के जरिए अपनी पीठ थपथपाना चाह रहे हैं। कांग्रेस के लोग दूसरे प्रदेशों में राजनीति कर रहे हैं। लेकिन कोई भी कद्दावर नेता अस्पताल का दौरा करना मुनासिब नहीं समझा। आखिर यह समझने की बात है कि सियासत अलग विषय है, जिस तरह से राजस्थान के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है उस पर लगाम लगाने की जरूरत है।
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