नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) फीस को खत्म करने का एलान किया है. वित्त मंत्री ने बताया कि पहली जनवरी से रुपे कार्ड और यूपीआई से भुगतान पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) नहीं लगेगा. निर्मिला सीतारमण ने पब्लिक सेक्टर बैंकों के प्रमुखों के साथ हुई बैठक के बाद ये निर्णय लिया. उन्होंने कहा किअब नोटिफाइड पेमेंट पर एमडीआर फीस देने की आवश्यकता नहीं होगी. जल्द ही इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा.

क्या होती है एमडीआर फीस?जब भी कोई व्यक्ति किसी दुकान पर समान खरीदने के बाद पेमेंट के लिए अपने कार्ड को स्वैप करता है तो दुकानदार को फीस का कुछ हिस्सा अपने सर्विस प्रोवाइडर को देना होता है. एमडीआर फीस हटने के बाद अब दुकानदार को ऐसा नहीं करना होगा. ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा फायदा दुकानदार को होगा. बता दें कि यह फीस यूपीआई क्यूआर कोड ट्रांजैक्शन और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर लागू होती है.

निर्मिला सीतारमण ने बताया कि ये एक जनवरी से लागू किया जाएगा. कार्ड स्वैप के बाद फीस के तीन हिस्से होते हैं. पहला हिस्सा बैंक का दूसरा हिस्सा पीओएस मशीन लगाने वाले वेंडर का और अंतिम हिस्सा वीजा एवं मास्टरकार्ड कंपनियों के पास जाता है.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि जनवरी से 50 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाले सभी व्यापारी एमडीआर फीस के बिना यूपीआई क्यूआर कोड और डेबिट कार्ड की सुविधा दे सकते हैं. निर्मला सीतारमण ने पांच जुलाई को पहला बजट पेश करते हुए इस बारे में बताया था. बताया जा रहा है कि सीतारमण आने वाले साल की फरवरी में दूसरा बजट पेश कर सकती हैं.
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