नई दिल्ली I जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घेरने की पुरजोर कोशिश की. मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया, प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच पर भी इसे उठाया लेकिन हर बार उसे मुंह की खानी पड़ी.

अब विदेशी राजनयिकों का एक दल कश्मीर जा रहा है. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद विदेशी राजदूतों का यह पहला आधिकारिक कश्मीर दौरा है. सरकार की ओर से भेजे जा रहे इस दल में अमेरिका, वियतनाम, दक्षिण कोरिया समेत 17 देशों के राजनयिक शामिल हैं. हालांकि यूरोपियन यूनियन के राजनयिक इस बार कश्मीर नहीं जा रहे. उन्हें बाद में कश्मीर ले जाया जाएगा.

इस दल में ब्राजील, उज्बेकिस्तान, नाइजर, नाइजीरिया, मोरक्को, गुयाना, अर्जेंटीना, फिलीपींस, नॉर्वे, मालदीव, फिजी, टोगो, पेरू के साथ ही पड़ोसी बांग्लादेश के राजनयिक शामिल हैं. विदेशी राजनयिकों का यह दल कश्मीर में दो दिन रहेगा.

बताया जाता है कि भारत सरकार यूरोपीय यूनियन के भी संपर्क में है, लेकिन उनकी ओर से इस टूर का हिस्सा बनने के लिए सहमति नहीं मिल सकी है. भारत सरकार के सूत्रों की मानें तो यूरोपीय यूनियन के राजनयिक अलग समूह में जाना चाहते हैं, जो अभी संभव नहीं है.

यूरोपीय दल ने अक्टूबर में किया था दौरा
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और पूर्ण राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद यह किसी विदेशी दल का दूसरा कश्मीर दौरा है. इससे पहले, अक्टूबर महीने में यूरोपीय संसद के 27 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भी कश्मीर का दौरा किया था.

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