नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के 36 सदस्यों का एक दल 18 जनवरी से राज्य का दौरा करेगा। यह दौरा कई मायनों में अहम है। मंत्रियों का यह दल स्थानीय जनता को अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के फायदे को बताएगा। बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पाबंदियों के संबंध में तल्ख टिप्पणी की थी।
जम्मू में 51 दौरा और कश्मीर में आठ कार्यक्रम
अभी जो जानकारी उपलब्ध है उसके मुताबिक मंत्रियों के 51 दौरे जम्मू और 8 दौरे कश्मीर में होंगे। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी 19 जनवरी को कटरा और रियासी इलाकों में जाएंगी। 19 जनवरी को ही रेलमंत्री पीयूष गोयल के श्रीनगर का दौरे का कार्यक्रम है। 20 जनवरी को मंत्री जनरल वीके सिंह उधमपुर जाएंगे और 21 जनवरी को किरेन रिजिजू जम्मू में सुचेतगढ़ की जाएंगे। रमेश पोखरियाल निशंक, अनुराग ठाकुर, जितेंद्र सिंह समेत कई अन्य नेता भी राज्य के दौरे पर आएंगे।
अलग अलग इलाकों का हाल जानेंगे दिग्गज मंत्री
22 जनवरी को गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी गांदरबल और 23 जनवरी को मनीगाम का दौरा करेंगे। 24 जनवरी को रविशंकर प्रसाद सोपोर का दौरा करेंगे। आरके सिंह डोडा और रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक श्रीनगर का दौरा करेंगे। नाइक यहां शेर-ए-कश्मीर इंटरनैशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक बड़ी बैठक को भी संबोधित करेंगे।
बाहरी मुल्कों के सांसद कर चुके हैं दौरा
यूरोपीय यूनियन के सांसदों के निजी दौरे के बाद कुछ बाहरी मुल्कों के सांसदों को सरकार ने घाटी का दौरा करने के लिए बुलाया था। सरकारी दौरे पर आए बाहरी मुल्क के सदस्यों ने घाटी की जमीनी तस्वीर को देखा समझा और परखा।
सुप्रीम कोर्ट ने की थी तल्ख टिप्पणी
अदालत ने कहा था कि वो जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक हालात पर टिप्पणी नहीं करेगा। लेकिन पाबदियों के पीछे तार्किक आधार को सरकार को बताना होगा। अनंत काल के लिए पाबंदी नहीं लग सकती है और इसके लिए रिव्यू कमेटी गठित करने का निर्देश दिया था। बता दें कि कश्मीर में स्कूलों, अस्पतालों और व्यापार के लिए ब्राडबैंड सेवा बहाल की गयी है।
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