नई दिल्ली। बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी से शुरू होगी जबकि आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। पीटीआई के मुताबिक इस संबंध में संसदीय मामलों की समिति मे सिफारिश की है। इसका अर्थ ये है कि पिछले साल की ही तरह बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा। फरवरी के पहले हफ्ते में बजट पेश करने की परंपरा मोदी सरकार के समय ही शुरू हुई थी। उससे पहले बजट फरवरी के आखिरी हफ्ते में पेश किया जाता था।

बजट सत्र दो हिस्सों में संचालित किया जाता है।  इस वर्ष बजट सत्र का पहला सत्र 31 जनवरी से 11 फरवरी और दूसरा सत्र 2 मार्च से लेकर 3 अप्रैल तक प्रस्तावित है। बजट सत्र के दोनों चरणों में इतना अंतर रखने के पीछे वजह ये होती है कि संसदीय समितियां अलग अलग मंत्रालयों के बजट आवंटन का परीक्षण कर सकें। कैबिनेट की सिफारिश पर राष्ट्रपति बजट सत्र चलाने का निर्देश देते हैं। इसके साथ ही मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला पूर्ण बजट होगा। 

वैसे तो संसद के दो और सत्र यानि की मानसून और शीतकालीन सत्र महत्वपूर्ण होते हैं। लेकिन बजट सत्र पर आम और खास हर किसी की निगाह होती है। इस सत्र में सरकार आम बजट के दिन आय और व्यय का ब्यौरा देती है तो इसके साथ ही लोगों को इसकी आशा होती है कि उन्हें क्या कुछ मिलने जा रहा है। खासतौर से सरकारी कर्मचारियों के साथ साथ नौकरीपेशा लोगों को टकटकी इस बात पर लगी होती है कि सरकार टैक्स में कितनी राहत देती है। 
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