नई दिल्ली. जम्मू कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान खत्म करने के सरकार के निर्णय के बाद इस पूर्व राज्य में लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद और अन्य की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) शुक्रवार को फैसला सुनाएगा. बताया गया कि शुक्रवार को 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगा.
जस्टिस एन वी रमण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बी आर गवई की तीन सदस्यीय पीठ ने इन प्रतिबंधों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पिछले साल 27 नवंबर को सुनवाई पूरी की थी.
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 के अधिकांश प्रावधान समाप्त करने के बाद वहां लगाए गए प्रतिबंधों को 21 नवंबर को सही ठहराया था. केंद्र ने अदालत में कहा था कि सरकार के एहतियाती उपायों की वजह से ही राज्य में किसी व्यक्ति की न तो जान गई और न ही एक भी गोली चलानी पड़ी.
गुलाम नबी आजाद के अलावा, कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन और कई अन्य ने घाटी में संचार व्यवस्था ठप होने सहित अनेक प्रतिबंधों को चुनौती देते हुए याचिकाएं दायर की थीं.
केंद्र सरकार ने दिया था यह जवाब
केन्द्र ने कश्मीर घाटी में आतंकी हिंसा का हवाला देते हुये कहा था कि कई सालों से सीमा पार से आतंकवादियों को यहां भेजा जाता था, स्थानीय उग्रवादी और अलगावादी संगठनों ने पूरे क्षेत्र को बंधक बना रखा था और ऐसी स्थिति में अगर सरकार नागरिकों की सुरक्षा के लिये एहतियाती कदम नहीं उठाती तो यह ‘मूर्खता’ होती. केन्द्र सरकार ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अनेक प्रावधान खत्म कर दिये थे.
अक्टूबर 2019 की एक सुनवाई में जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने केंद्र सरकार से पूछा था कि जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल-370 हटे हुए काफी लंबा समय बीत चुका है. पीठ ने सरकार से पूछा था कि आप और कितने दिनों के लिए प्रतिबंध चाहते हैं. उन्होंने कहा था कि यह प्रतिबंध पहले ही दो महीने से जारी है. कोर्ट ने कहा था कि सरकार को स्पष्ट करना होगा कि यह प्रतिबंध कब तक पूरी तरह से हटा लिया जाएगा.
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