नई दिल्ली। बढ़ती उम्र में अगर सेहत का ठीक से ध्यान न रखा जाए तो कई बीमारियां हो सकती हैं. उम्र के 45वें पड़ाव के बाद हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है. लेकिन अगर यंग एज में ही कॉलेस्ट्रोल को कंट्रोल में रखा जाए तो आगे आने वाले समय में यह हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है. हाल में ही हुई एक रिसर्च में इस बात का दावा किया गया है कि अगर यंग एज में ही ब्लड टेस्ट के जरिए ब्लड में मौजूद कॉलेस्ट्रोल की जांच कर ली जाए तो आने वाले समय में हार्ट से जुड़ी बीमारियों की संभावना का पता लगाया जा सकता है .

लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक, 45 साल से कम उम्र के ऐसे पुरुष जिनमें कॉलेस्ट्रोल का स्तर बहुत अधिक था, उन्हें 75 साल की उम्र में स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ने की आशंका 30 फीसदी अधिक थी, वहीं महिलाओं में इसका खतरा 16 फीसदी अधिक था. इस अध्ययन में युवावस्था में कॉलेस्ट्रोल का स्तर और बाद की उम्र में हृदय रोग के जोखिम के बीच के संबंधों की गहनता से जांच की गई.

शोधकर्ताओं का कहना है कि इस अध्ययन में हमने उच्च कॉलेस्ट्रोल को अधिक वजन, व्यायाम की कमी, धूम्रपान और शराब के सेवन से भी जोड़ा है. हालांकि, कॉलेस्ट्रोल के उच्च स्तर से हृदय रोग का खतरा होता है, यह पहले हुए शोधों में साबित हो चुका है. लेकिन इस शोध में वैज्ञानिकों ने युवावस्था में कॉलेस्ट्रोल के स्तर और बुढ़ापे में आने वाले हृदयाघात और स्ट्रोक के बीच संबंध स्थापित किया है.

इस नए विस्तृत शोध में 19 देशों के 43 साल तक के चार लाख से अधिक लोगों पर अध्ययन किया गया. जिन लोगों पर अध्ययन हुआ उनमें शुरुआत या युवावस्था में किसी को हृदय संबंधी कोई बीमारी नहीं थी. इस शोध में वैज्ञानिकों ने दशकों तक प्रतिभागियों की निगरानी की और किसी भी हृदय रोग की घटना का विवरण लिया.

इसमें सभी आयु वर्ग की महिला और पुरुष प्रतिभागियों के डाटा का अध्ययन किया गया. इस दौरान प्रतिभागियों में हृदय रोग (घातक या मामूली) और स्ट्रोक की 54,542 घटनाएं हुईं. साथ ही इस अध्ययन में अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में हुए 38 शोधों के डाटा का विश्लेषण किया गया. वैज्ञानिकों ने पाया कि जैसे-जैसे युवावस्था में बुरे कॉलेस्ट्रोल की मात्रा घटती गई, वैसे-वैसे 75 की उम्र तक हृदय रोग और स्ट्रोक की घटनाओं में कमी आती गई. जिन लोगों में बुरे कॉलेस्ट्रोल की मात्रा जितनी कम थी, उन्हें दिल की बीमारियों का उतना ही कम खतरा था. इस अध्ययन के शोधकर्ताओं में से एक बारबरा थोरांड ने कहा कि प्राप्त डाटा से हमने इस शोध के लिए 35 से 70 साल की उम्र वाले लोगों के लिए एक मॉडल बनाया था.
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