नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को ‘ज्यादातर राजनीतिक’ करार दिया और कहा कि कोई भी भारतीय इस नए कानून के चलते अपनी नागरिकता नहीं गंवाएगा. शाह ने कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को सीएए में एक भी ऐसा प्रावधान दिखाने की चुनौती दी जिसके तहत किसी की भारतीय नागरिकता जा रही हो.

उन्होंने एक न्यूज चैनल से कहा 'मैं इस बात से सहमत हूं कि ज्यादातर राजनीतिक प्रदर्शन हैं. कुछ लोग गुमराह हैं लेकिन हम उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे हैं.' गृह मंत्री ने कहा, सीएए के तहत सरकार पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना चाहती है. उन्होंने कहा, 'मैं स्पष्ट तौर पर कहना चाहता हूं कि सीएए में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिससे किसी की नागरिकता जा सकती है.' गृह मंत्री ने कहा कि सीएए इन तीन देशों के शरणार्थियों को नागरिकता देता है.

शाह ने कहा, 'मैं पूरी दृढ़ता से कहता हूं कि ये शरणार्थी भाई, जो भारत आये हैं, हमारे हैं और उन्हें भारत में सम्मानित स्थान प्रदान करना भारत सरकार की जिम्मेदारी है.' गृह मंत्री ने कहा कि जनगणना 2021 और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का राष्ट्रीय नागरिक पंजी से कोई लेना-देना नहीं है.

उन्होंने कहा, 'जनगणना और एनपीआर देश में हर दस साल पर होते हैं और इस बार भी यह दस साल के बाद हो रहा है. कांग्रेस ने यह बार-बार किया और आज वह उसका विरोध कर रही है.' बिहार विधानसभा चुनाव के संबंध में एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा, 'बिहार में हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे, इसमें कोई भ्रम नहीं है.'
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