कोलकाता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर कोलकाता में हैं. पीएम मोदी ने रविवार सुबह रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय बेलूर मठ में ध्यान लगाया. प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को कोलकाता पहुंचे थे और रात उन्होंने मठ में ही बिताई थी. पीएम मोदी की मठ में ठहरने की मुख्य वजह रविवार को स्वामी विवेकानंद जयंती बताई जा रही है. गौरतलब है कि पीएम मोदी शनिवार शाम कोलकाता पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने पोर्ट ट्रस्ट की 150वीं सालगिरह के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था.

बता दें कि हावड़ा जिले के बेलूर में स्थित इस मठ की स्थापना स्वामी विवेकानंद ने 1 मई 1897 में की थी. इस मठ को बनाने का उद्देश्य उन साधुओं-संन्यासियों को संगठित करना था जो रामकृष्ण परमहंस की शिक्षाओं में गहरी आस्था रखते थे. इन साधुओं और संन्यासियों का काम था कि वह रामकृष्ण परमहंस के उपदेशों को जनसाधारण तक पहुंचाए और गरीब, दुखी और कमजोर लोगों की नि:स्वार्थ भाग से सेवा कर सकें. इस मठ में स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस की स्मृति संजो कर रखी गई है.

गौरतलब है कि बेलूर मठ के स्वामी जी मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'मैं काफी उत्साहित हूं कि आज और कल का दिन मैं बंगाल में बिताऊंगा. मुझे रामकृष्ण मिशन में समय व्यतीत करते हुए खुशी हो रही है वो भी तब जब हम स्वामी विवेकानंद की जयंती मना रहे हैं. बेलूर मठ हमेशा से ही मेरे लिए काफी खास रहा है.'

इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट कर रामकृष्ण मिशन के पूर्व अध्यक्ष स्वामी आत्मास्थानंद जी महाराज को याद किया. उन्होंने कहा-एक शून्यता होगी. जिस व्यक्ति ने मुझे 'जन सेवा ही प्रभु सेवा' की सीख दी, वे स्वामी आत्मास्थानंद जी महाराज वहां नहीं होंगे. रामकृष्ण मिशन में उनकी उपस्थिति न होना अकल्पनीय है.

आज पूरा देश मना रहा है स्वामी विवेकानंद की जयंती
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 में हुआ था. स्वामी विवेकानन्द वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे. उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था. उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था.
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