नई दिल्ली. 1 अप्रैल से 2020 से शुरू होने वाले फाइनेंशियल इयर में आपको दो टैक्स सिस्टम मिलेंगे. इसमें आपको तय करना होगा कि कौन सा आपके लिए बेहतर है. वित्तीय सलाहकार बताते हैं कि नया टैक्स सिस्टम चुनने वालों को 70 टैक्स एग्जेंप्शन और डिडक्शंस से हाथ धोना होगा. वहीं, इनमें 80 सी (80C) के तहत निवेश पर मिलने वाली 1.5 लाख रुपये तक छूट, सेक्शन 80डी (80D) के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पेमेंट और 80टीटीए के तहत बचत खाते या पोस्ट ऑफिस खाते में जमा पर मिलने वाले ब्याज पर डिडक्शन भी शामिल हैं. लेकिन 30 ऐसी छूट हैं जो आगे भी जारी रहेंगी. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इसमें प्रमुख खेती से होने वाली आमदनी, पीपीएफ (PPF) और सुकन्या खाते की ब्याज रकम पर छूट मिलती रहेगी.
सवाल- अगर मैं नए टैक्स सिस्टम को चुनता हूं तो क्या मुझे PPF, EPF से हुई ब्याज आय पर टैक्स छूट मिलेगी.
जवाब- टैक्स एक्सपर्ट, मुकेश पटेल कहते हैं कि नई टैक्स व्यवस्था चुनने पर PPF और EPF में निवेश पर टैक्स छूट नहीं मिलेगी. हालांकि PPF खाते से मिलने वाले ब्याज पर छूट मिलती रहेगी.
आपको बता दें कि कर्मचारियों के भविष्य के लिए अहम माने जाने वाले प्रॉविडेंट फंड के ब्याज पर भी कोई टैक्स नहीं लगेगा. नए टैक्स स्लैब के मुताबिक पीपीएफ खाते में जमा की गई रकम पर आपको टैक्स में छूट नहीं मिलेगी. हालांकि इस पर मिलने वाले ब्याज और मेच्योरिटी पर मिलने वाली रकम टैक्स के दायरे से बाहर होगी.
वहीं, सैलरी के साथ कटने वाले ईपीएफ पर 9.5 फीसदी तक ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. इसके अलावा ईपीएफ और एनपीएस में कंपनी की ओर से जमा रकम भी टैक्स फ्री होगी. लेकिन, सालाना 7.5 लाख रुपये से कम राशि पर ही यह फायदा होगा. वहीं पीपीएफ में पैसा जमा करने पर टैक्स छूट नहीं मिलेगी. लेकिन मैच्योरिटी की रकम अब भी टैक्स फ्री ही रहेगी.
सवाल- मैंने अपनी बेटी के बेहतर भविष्य के लिए सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाया हैं तो एक अप्रैल से क्या बदलेगा?
जवाब- टैक्स एक्सपर्ट बताते हैं कि, पुराना टैक्स सिस्टम चुनने वाले को छूट के साथ-साथ पुराने सभी फायदे मिलते रहेंगे. वहीं, नया टैक्स सिस्टम चुनने वालों को सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने वालों को ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. अगर आसान शब्दों में कहें तो इससे होने वाली कमाई पर भी किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा. लेकिन, पहले की तरह सुकन्या खाते पर धारा 80सी के तहत पैसा जमा करने पर 1.50 लाख रुपये तक की छूट अब नहीं मिलेगी.
नई टैक्स व्यवस्था में मिलती रहेंगी ये छूट!
1. किराए पर स्टैंडर्ड डिडक्शन
2. खेती से होने वाली आमदनी
3. पीपीएफ पर मिलने वाला ब्याज
4. बीमा की मैच्योरिटी की रकम
5. मृत्यु पर बीमा से मिली रकम
6. छंटनी पर मिला मुआवजा
7. रिटायरमेंट पर लीव इनकैशमेंट
8. VRS- वॉलेंट्री रिटायरमेंट
9. सुकन्या समृद्धि खाते पर मिली रकम
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