चमोली. लंबे समय से राजधानी गैरसैंण की मांग को लेकर चल रहे आंदोलनों का परिणाम रहा है कि 20 साल बाद ही सही प्रदेश को अपनी स्थाई ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के रूप में मिल ही गई. बजट सत्र के दूसरे दिन विपक्ष सदन से सड़क तक गैरसैंण राजधानी के मुद्दे पर को सरकार घेरने की कोशिश कर रहा था लेकिन मुख्यमंत्री ने सारी तैयारियों की हवा निकाल दी. बजट पेश करने के बाद सदन में ही सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा कर दी. इसके बाद सदन से लेकर बाहर तक राजधानी गैरसैंण की जयकार गूंजने लगी.
किसी को नहीं बताया
पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, “मैं कल मुश्किल से 4-5 घण्टे सो पाया था. आज सदन में आने तक भी मैंने किसी से शेयर नहीं किया. बाद में एक सहयोगी मंत्री को बताया कि मैं आज एक महत्वपूर्ण घोषणा करूंगा.
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि उन्हें हमेशा भरोसा था कि बीजेपी गैरसैंण को राजधानी बनाने का फ़ैसला लेगी. उन्होने कहा कि प्रदेश की ओर से सीएम का धन्यवाद कर रहा हूं. उत्तराखंड बनने के बाद राज्य की जनता को सबसे बड़ा तोहफ़ा है यह.
जनता के लिए तोहफ़ा
सरकार में मंत्रियों और विधायकों ने इसे सरकार का राज्य की जनता के लिए विशेष तोहफा बताय़ा. इस दौरान सत्र की कार्यवाही देखने आए स्थानीय लोगों को जब इसकी सूचना मिली उनकी खुशी भी देखते ही बन रही थी.
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