देहरादून। गैरसैंण की फिजा में अजीब सी मस्ती छाई रही। जहां ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने के बाद शाम को विधानभवन परिसर में जमकर आतिशबाजी के साथ दिवाली मनी तो होली का सुरूर सियासत पर भी दिखा। इस फैसले के बाद गुरुवार को सदन के भीतर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। इससे गर्माई सियासत ने स्थायी राजधानी के मुद्दे को नए सिरे से धार दे दी।

राज्य आंदोलन और जन भावनाओं के केंद्र में रहे गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के मुद्दे ने बजट सत्र की दशा-दिशा दोनों को ही बदल कर रख दिया। घोषणा से पहले इस मुद्दे पर सरकार की असाधारण चुप्पी और फिर बीते रोज बजट पेश करने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एतिहासिक फैसले से भाजपा के भीतर नया उत्साह और उमंग भर दी। वहीं सरकार पर लगातार आक्रामक प्रमुख प्रतिपक्षी दल कांग्रेस को रणनीति बदलने को मजबूर कर दिया।

सदन के भीतर पूरे दिनभर रह-रहकर यह मुद्दा गर्माता रहा। सत्तापक्ष के विधायक उत्साह में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के समर्थन में नारे लगाने में पीछे नहीं रहे तो नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व स्पीकर गोविदं सिंह कुंजवाल समेत कांग्रेस विधायकों ने ग्रीष्मकालीन राजधानी को झुनझुना करार देते हुए इसे स्थायी राजधानी बनाने के मुद्दे को सियासी फिजा में उछाल दिया। विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच नोकझोंक चलती रही। निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने कहा कि जनभावनाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी सरकार को वहन करनी होगी। 
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