नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आज एक दिन के दौरे पर अयोध्या पहुंचेंगे. महाराष्ट्र में सरकार बनने के 100 दिन बाद उद्धव ठाकरे का ये पहले दौरा है. उद्धव ठाकरे के इस दौरा पर कोरोना वायरस का संकट भी देखने को मिल रहा है.
ठाकरे अपने पहले सरयू नदी की आरती भी करनेवाले थे लेकिन कोरोना वायरस की वजह से कार्यक्रम रद्द कर दिया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद उद्धव ठाकरे से बात कर बड़ी जन सभा आयोजित ना करने की अपील की थी. साथ ही प्रधानमंत्री की अड्वाइज़री के बाद आरती नहीं करने का निर्णय लिया गया.
उद्धव ठाकरे का दौरे का विरोध भी और स्वागत भी
उद्धव ठाकरे के इस दौरे का कुछ लोग स्वागत कर रहे हैं तो कुछ लोग विरोध कर रहे हैं.राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष नित्य गोपाल दास ने उद्धव ठाकरे का अयोध्या में स्वागत किया. लेकिन हिंदू महासभा और कुछ साधूँ संतों ने उद्धव ठाकरे का अयोध्या नगरी में विरोध करने का निर्णय लिया है. हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास के मुताबिक़ मुख्यमंत्री एक श्रद्धालु के नाते अगर अयोध्या आते हैं तो उनका स्वागत है लेकिन अगर राम के नाम राजनीति होगी तो उनका विरोध होगा.
वहीं वीएचपी ने भी उद्धव ठाकरे के बीजेपी से साथ गठबंधन तोड़ने के निर्णय का विरोध किया और उनके राम मंदिर के दौरे को केवल राजनीतिक दाँवपेंच करार दिया. वीएचपी के प्रवक्ता शरद शर्मा ने तो यहाँ तक कह दिया कि शिवसेना का राम मंदिर निर्माण के संघर्ष में योगदान बेहद कम है. वहीं हिंदू महासभा के कुछ लोग मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को काले झंडे दिखाने की योजना बना रहे है ऐसी जानकारी है.
सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम
इसीलिए पुलिस प्रशासन ने आज के लिए अयोध्या सुरक्षित पुख़्ता इंतज़ाम किए है. वहीं उद्धव ठाकरे को मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट के अध्यक्ष नित्य गोपाल दास के रुप में एक बड़े समर्थक मिले है. उन्होंने उद्धव ठाकरे का स्वागत करते हुए कहा ‘बालासाहब ने राम मंदिर निर्माण के लिए हमेशा सहियोग दिया, उसी तरह उनके बेटे उद्धव ठाकरे भी अक्सर मदद करते आए है. अब वो मुख्यमंत्री बन गए हैं तो उनका सहियोग हमें आगे भी मिलेगा और साथ मिलकर हम मंदिर बनाएँगे.’
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