नैनीताल. उत्तराखंड के करीब 60 हजार आंगनबाड़ी वर्कर्स और भोजन माताओं को मार्च महीने का वेतन मिलने का रास्ता साफ हो गया है. राज्य सरकार ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में बताया कि ये स्कीम केंद्र सरकार की है और केंद्र सरकार ने राज्य के खाते में पैसा आवंटित कर दिया है, जिसका भुगतान सोमवार (27 अप्रैल) तक सभी भोजन माताओं और आंगनबाड़ी वर्कर्स के खाते में कर दिया जाएगा. सरकार की इस दलील के बाद हाईकोर्ट ने सरकार से कहा है कि वो 27 अप्रैल तक ये बताएं कि मार्च महीने का वेतन दिया गया है कि नहीं.

क्या था मामला
दरअसल, राज्य में काम कर रही भोजन माताओं और आंगनबाड़ी वर्कस की मार्च महीने की सैलरी नहीं दी गई थी जिसको लेकर ललिता रावत ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. वहीं, महिला एकता मंच की तरफ से दायर जनहित याचिका की पैरवी दिल्ली हाईकोर्ट के वकील कमलेश कुमार द्वारा की गई. याचिका में कोर्ट से कहा गया कि राज्य सरकार ने भोजन माताओं और वर्कर्स को मार्च महीने की सैलरी नहीं दी गई और ना ही कोई अन्य प्रकार की सहायता उनको सरकार की तरफ से दी गई है. वेतन ना मिलने से उनके सामने भरणपोषण का संकट खड़ा हो गया है, लिहाजा सरकार को निर्देश दिए जाएं कि उनकी सैलरी दी जाए.




हाईकोर्ट ने सरकार के वकील को निर्देशित दिया कि अगली सुनवाई की तिथि 27 अप्रैल तक वे बताएं कि सभी आंगनबाड़ी वर्कर्स, सहायिकाओं, मिनी आंगनबाड़ी तथा भोजन माताओं को उनके बकाया पारिश्रमिक का भुगतान किया गया है अथवा नहीं.
Share To:

Post A Comment: