देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने आरोप लगाया कि कोरोना वायरस महामारी के दौर में भी केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारों ने भेदभावपूर्ण नीति अपनाई है। उत्तराखंड से गुजरात के लोगों को सुरक्षित पहुंचाया गया, लेकिन अन्य प्रदेशों में फंसे राज्य के लोगों की सुध नहीं ली जा रही है। कोटा में फंसे उत्तराखंड के छात्रों को वापस लाने की पहल उत्तर प्रदेश की सरकार ने की। प्रदेश सरकार सोई हुई है।

प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बीते दिनों मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपने विधानसभा क्षेत्र चकराता के करीब 46 छात्रों के प्रयागराज में फंसे होने के बारे में सरकार को सूची सौंपी थी।

इंदिरा हृदयेश भी भीमताल और अन्य स्थानों के लोगों की ओर से वापसी को लगाई जा रही गुहार का जिक्र मुख्यमंत्री से कर चुकी हैं। राज्य सरकार की ओर से अभी तक इन मामलों में ठोस कदम नहीं उठाए जा सके हैं। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस का गुस्सा भड़क गया है।

प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने उत्तराखंड में फंसे गुजरात के लोगों की वापसी सुनिश्चित करने पर प्रदेश सरकार के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को निशाने पर लिया।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गुजरात के लोगों को प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के निर्देशों पर गुजरात भेज दिया। उन्होंने सवाल दागा कि राष्ट्र के अंदर गुजरात के लोग ही सुरक्षित पहुंचने चाहिए, उत्तराखंड के लोगों के बारे में कौन फैसला लेगा।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गुजरात के लोगों को प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के निर्देशों पर गुजरात भेज दिया। उन्होंने सवाल दागा कि राष्ट्र के अंदर गुजरात के लोग ही सुरक्षित पहुंचने चाहिए, उत्तराखंड के लोगों के बारे में कौन फैसला लेगा।
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