वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को पूरे यकीन के साथ दावा किया कि दुनियाभर में 2,30,000 से अधिक लोगों की जान लेने वाले और अर्थव्यवस्थाओं को तबाह करने वाले कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान शहर की एक विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला से हुई है। ट्रंप से पत्रकारों ने पूछा कि क्या उन्हें ऐसा कुछ मिला है जिससे वह यकीन के साथ कह सकते हैं कि यह वायरस वुहान के विषाणु विज्ञान संस्थान से पैदा हुआ, इस पर उन्होंने व्हाइट हाउस में कहा, ‘‘हां, मेरे पास है।’’ हालांकि, उन्होंने कोई भी जानकारी देने से इनकार करते हुए कहा कि जांच चल रही है और जल्द ही यह सामने आएगा। यह पूछने पर कि उन्हें ऐसा क्या मिला है जिससे वह विश्वास के साथ यह कह सकते हैं, इस पर ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं आपको नहीं बता सकता।’’ बहरहाल, उन्होंने इसके लिए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को जिम्मेदार नहीं ठहराया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कहना चाहता लेकिन निश्चित तौर पर इसे रोका जा सकता था। यह चीन से पैदा हुआ और इसे रोका जा सकता था और काश वे इसे रोकते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे या तो इसे रोकने में सक्षम नहीं थे या वे रोकना नहीं चाहते थे और दुनिया को इसका भारी खमियाजा उठाना पड़ा।’
ट्रंप ने कहा, ‘‘एक और बात है, चीन ने उसके यहां आने जाने वाली सभी हवाई सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया, लेकिन अमेरिका और पूरे यूरोप में चीन से आने वाली और वहां जाने वाली हवाई सेवायें बंद नहीं की गई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह देश (अमेरिका) बहुत भाग्यशाली है और मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मैंने चीन पर बहुत जल्दी प्रतिबंध लगा दिया। जनवरी में हमने चीन पर प्रतिबंध लगाया। इसके बाद हमने यूरोप में प्रतिबंध लगाया।’’ ट्रंप ने कहा कि वे उन्हें जवाबदेह ठहराने से पहले यह पता लगाना चाहते हैं कि वास्तव में क्या हुआ था। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम यह पता लगा लेंगे कि असल में हुआ क्या था। हम इस पर दृढ़ता से काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन वे इसे रोक सकते थे। उनका देश वैज्ञानिक एवं अन्य रूप से प्रतिभाशाली है। वे इसे रोक सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।’’ यह पूछने पर कि क्या राष्ट्रपति चिनफिंग ने उन्हें गुमराह किया, इस पर ट्रंप ने कहा, ‘‘कुछ तो हुआ। मैं नहीं कहूंगा कि गुमराह किया या नहीं किया। मैं आपको बताऊंगा। मेरा मतलब है कि उम्मीद है कि निकट भविष्य में आपको इसका जवाब दूंगा।’’ राष्ट्रपति ने कहा कि इस बीमारी के कारण पूरी दुनिया को भुगतना पड़ा है
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