देहरादून I प्रदेश में प्राकृतिक जल स्रोतों का संरक्षण अनिवार्य किया जा रहा है। प्राकृतिक जल स्रोतों की मैपिंग होगी और इनके संरक्षण के लिए अनिवार्य रूप से उपाय किए जाएंगे। यह प्रावधान जल नीति में किए जाएंगे। जिसका मसौदा तैयार कर लिया गया है। सचिव सिंचाई भूपेंद्र कौर औलख के मुताबिक यह मसौदा मंत्रिमंडल की अगली बैठक में रखा जाएगा।
लघु जल विद्युत परियोजनाओं की सिफारिश
नीति में यथासंभव लघु जल विद्युत परियोजनाओं के विकास का आग्रह किया गया है। करीब 2700 मेगावट की जल विद्युत क्षमता को देखते हुए राज्य में बड़ी योजनाओं पर अधिक फोकस रहा। इससे पर्यावरणीय नुकसान के साथ ही प्रदेश को अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ा। पर्यावरणविद् तक इसी नुकसान को देखते हुए छोटी परियोजनाओं का सुझाव देते रहे हैं।
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