नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्राइवेट बैंकों के अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने गुरुवार को प्राइवेट सेक्टर बैंक, एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस के मुद्दे पर बातचीत की। इसके साथ ही प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के साथ हुई बैठक में वित्त मंत्री ने लिक्विडिटी, रेट कट बैठक का मुख्य एजेंडा थे। वित्त मंत्री ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि छोटे बैंक बेहतर काम कर रहे हैं। कहीं भी लिक्विडिटी की समस्या देखने को नहीं मिल रही है। ज्यादातर एमएफआई की मांग ग्रामीण क्षेत्रों में है।
उन्होंने बताया कि प्राइवेट बैंक 400 जिलो लोन की क्षमता को देखते हुए लोगों तक पहुंचने के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। वहीं वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा, त्योहारी सीजन आने वाले हैं। इसलिए हम विभिन्न जिलों में लोगों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस बैठक में कई एमएफआई और माइक्रो फाइनेंस यूनिट्स ने हिस्सा लिया जो देश के सुदूर कोनों में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि वहां अभी भी मांग है और वह लोन बढ़ा रहे हैं। उन सभी को इस क्षेत्र में सकारात्म बढ़त नजर आ रही है।
उन्होंने बताया कि किफायती हाउसिंग स्कीम के लिए लोन सही दिशा में है। बैंकों की मांग है कि इसकी लिमिट को 45 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए कर दिया जाएगा। सर्विस सेक्टर में ऋण के लिए काफी मांग है। वित्त मंत्री ने बताया कि प्राइवेट बैंक जानकारी दी कि पैसेंजर व्हीकल सेल में कमी आई है। जबकि कॉमर्शियल व्हीकल की सेल में आई कमी साइकिलिक है।
उन्होंने कहा कि इस बैठक में मुझे बहुत कुछ सकारात्मक सुनने को मिला। कोई भी चिंता की बात नहीं कर रहा था। किसी ने भी इस बैठक में लिक्विडिटी की कमी की बात नहीं कही। यदि लिक्विडिटी की समस्या थी तो वह होलसेल बाजार में थी रिटेल बाजार में नहीं थी। वहीं उदय कोटक ने कहा कि कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती के पक्ष में बैंकों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
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