नई दिल्ली I जम्मू-कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के द्वारा अमेरिका के सामने लगाई गई गुहार काम नहीं आई. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मसले पर भारत को अपना दोस्त बताया, लेकिन इससे इतर एक कार्यक्रम में इमरान खान अमेरिका पर ही बरस पड़े. इतना ही नहीं इमरान ने ये भी माना कि अमेरिका के कहने पर पाकिस्तान ने अलकायदा को ट्रेनिंग दी है.

दरअसल, न्यूयॉर्क में काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन (CFR) में बोलते हुए इमरान खान ने कहा कि 9/11 आतंकी हमले पर पाकिस्तान ने अमेरिका का विश्वास किया, उनकी मदद की लेकिन ये पाकिस्तान की सबसे बड़ी भूल साबित हुई. इससे पाक की अर्थव्यवस्था को 200 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ.

अमेरिका के पूर्व रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के एक कमेंट का जवाब देते हुए इमरान खान ने कहा कि अमेरिका के नेता को समझना चाहिए कि पाकिस्तान कट्टरपंथी क्यों बना. उन्होंने कहा कि हमारी गलती थी कि 9/11 के बाद अफगानिस्तान के साथ लड़ाई में हमने अमेरिका का साथ दिया.

इमरान खान ने कहा कि 1980 में सोवियत संघ के वक्त अफगानिस्तान के मसले पर पाकिस्तान ने अमेरिका का साथ दिया. सोवियत के खिलाफ जिहाद करने के लिए पाकिस्तानी सेना और ISI ने आतंकियों को ट्रेनिंग दी, जो बाद में अलकायदा बना. 1989 में जब सोवियत ने अफगानिस्तान छोड़ दिया, बाद में अमेरिका ने छोड़ दिया लेकिन ये आतंकी संगठन पाकिस्तान में ही रहे.

लेकिन बाद में 9/11 हुआ और एक बार फिर पाकिस्तान अमेरिका के साथ आया, यही कारण है कि हमें बार-बार झटका लगता रहा.  

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने यहां जम्मू-कश्मीर के मसले पर भी बात की, उन्होंने कहा कि भारत को जम्मू-कश्मीर में लगी पाबंदियों को हटाना चाहिए. अमेरिका जैसे बड़े देश, संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों को इस मसले में दखल देना चाहिए, ताकि भारत पर दबाव बनाया जा सके.

आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की. डोनाल्ड ट्रंप ने यहां एक बार फिर इमरान खान के सामने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के मसले पर मध्यस्थता करने को तैयार हैं, अगर दोनों देश तैयार हो. हालांकि, ट्रंप ने यहां फिर साफ किया कि भारत के साथ उनके संबंध काफी बेहतर हैं.
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