इंटरनेट के बूम के बाद हर व्यक्ति आपको सोशल मीडिया पर समय बिताता हुआ मिलेगा. कुछ लोगों को पता भी नहीं चलता और घंटों बीत जाते हैं सोशल मीडिया पर. इसमें वीडियो या फोटो शेयर करने से लेकर लाइक और कमेंट करने तक सबकुछ शामिल है. इसी कड़ी में अमर उजाला के मुताबिक सोशल मीडिया को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें ऐसा खुलासा हुआ है कि आपके लिए भरोसा कर पाना मुश्किल हो जाएगा. तो चलिए जानते हैं इस रिपोर्ट के बारे में...
होता है मानसिक रोग-
अगर आप रोज़ाना दो घंटे से ज़्यादा सोशल मीडिया यूज़ करते हैं तो आपको मानसिक रोग होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक वॉट्सऐप, फेसबुक जैसे ही ऐप्स नहीं बल्कि टिकटॉक के भी ज्यादा प्रयोग से लोगों के मनोरोगी होने की काफी संभावना होती है.
डॉक्टरों का भी मानना है कि लोगों को वेब सीरीज, गेमिंग और पैसा कमाने वाले सोशल मीडिया ऐप्स बहुत बीमार बना रहे हैं. इसके अलावा लोगों में अवसाद और भूलने की बीमारी देखने को मिली हैं. वहीं, 14 से लेकर 24 वर्ष की आयु वाले युवा दिमागी रोग से ग्रस्त हो रहे हैं.
लाइक्स न मिलने से दिमाग पर पड़ता है असर-
रिसर्चर्स का मानना है कि सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट पर लाइक और कमेंट ना मिलने का सीधा असर लोगों पर पड़ता हैं. इसके साथ ही यूजर्स पर भावनात्मक बोझ भी पड़ता हैं. इस खास दिन पर WHO की तरफ से मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकथाम के कार्यों को प्रोत्साहन दिया जाता हैं. हर वर्ष करीब आठ लाख लोग आत्महत्या करते हैं. वहीं, एक रिपोर्ट में पाया गया है कि 21वीं सदी में आए बदलाव के कारण से लोग मानसिक रोग से ग्रस्त हैं.
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