देहरादून I जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर प्रत्याशी घोषित करने में भाजपा से पिछड़ी कांग्रेस ने आरक्षण तय होने के बाद ही पत्ते खोलने का फैसला लिया है। कांग्रेस को कुछ जगह अपने संभावित प्रत्याशी के विरोध की आशंका भी सता रही है, ऐसे में इन जिलों में फिर से पर्यवेक्षक भेजे जा सकते हैं।
कांग्रेस का दावा है कि जिला पंचायत सदस्य पदों पर करीब 150 सदस्य कांग्रेस के हैं। इतना होने पर कांग्रेस ने अभी तक जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। पार्टी पदाधिकारियों के मुताबिक इसके लिए आरक्षण के फाइनल होने का इंतजार किया जा रहा है। आरक्षण फाइनल होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अधिसूचना जारी होते ही कांग्रेस प्रत्याशी घोषित कर देगी।

सूत्रों के मुताबिक पार्टी को करीब दो जिलों में संभावित प्रत्याशी का विरोध होने की आशंका भी है। इनमें से एक जिला गढ़वाल मंडल का ही है और यहां एक कांग्रेस नेता के नजदीकी को टिकट दिए जाने का विरोध किया जा रहा है। कांग्रेस की कोशिश है कि इन जिलों में पहले ही इस विरोध को शांत कर लिया जाए। ऐसे में इन जिलों में फिर से पर्यवेेक्षक भी भेजे जा सकते हैं। पार्टी करीब आधा दर्जन सीटों पर अपनी स्थिति मजबूत मान कर चल रही है। इतना होते हुए भी यह तय किया गया है कि सभी 12 जिलों में प्रत्याशी मैदान में उतारे जाएं।

भाजपा पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने भाजपा पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप जड़ा है। धस्माना का कहना है कि आरक्षण के फाइनल होने से पहले ही भाजपा ने प्रत्याशी घोषित कर यह साफ कर दिया है कि उन्हें आरक्षण की फाइनल सूची के बारे में पहले से ही पता है।

कांग्रेस यह नहीं चाहती कि आरक्षण के फाइनल होने के बाद पार्टी को अपने प्रत्याशी बदलने पड़ें। इसी वजह से आरक्षण पर तस्वीर साफ होने के बाद प्रत्याशी घोषित करने का फैसला लिया गया है।

सभी जिलों से मिली रिपोर्ट
कांग्रेस ने प्रत्याशी चयन के लिए जिलों के चुनाव प्रभारियों और अन्य पदाधिकारियों को रिपोर्ट सौंपने को कहा था। धस्माना के मुताबिक सभी जिलों से रिपोर्ट मिल गई है। जहां पर विवाद की गुंजाइश है, वहां पार्टी आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही है। 
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