देहरादून I उत्तराखंड की सियासत में भूचाल का सबब बने स्टिंग प्रकरण में उलझे कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीबीआई के मुकदमे को लेकर सत्ता पक्ष के जीरो टॉलरेंस पर सवाल उठाया है। फेसबुक पेज पर बयान जारी कर हरीश रावत ने कहा है कि सीबीआई ने एक और नेता पर मुकदमा दर्ज किया है लेकर भाजपा इस मामले में चुप है। भाजपा को पता है कि यह नेता मानव बम है और इसको छेड़ा तो उनको नुकसान भी उठाना पड़ेगा।
कहा कि सत्ता पक्ष की मुसीबत यह है कि वह इस ‘मानव बम’ रूपी नेता के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाता है तो उनके जीरो टॉलरेंस के नारे पर सवाल उठता है। सीबीआई की लिस्ट में कई और भी इस तरह के मानव बम हैं। इसी के साथ इस पोस्ट में हरीश रावत ने एक बार फिर से अपनी सफाई भी पेश की है। उनका कहना है कि वे तो दल बदल के मामले में इत्तेफाकन उलझ गए थे। वास्तविक किरदार तो अभी बाहर हैं। यही वजह है कि जीरो टालरेंस का नारा देने वालों को आंख मूंदनी पड़ रही है।
अभी तक साफ इनकार कर रहे पिथौरागढ़ के पूर्व विधायक मयूख महर को मनाने की जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने ऊपर ले ली है। रावत का कहना है कि उन्हेें पूरा विश्वास है कि मयूख उनका आग्रह नहीं टालेंगे। पिथौरागढ़ के उपचुनाव घोषित हो चुका है। कांग्रेस की अब पूरी कोशिश है कि इस सीट को भाजपा से झटक लिया जाए। इसके लिए कांग्रेस का पूरा दारोमदार पिथौरागढ़ के पूर्व कांग्रेस विधायक मयूख महर पर है।
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