देहरादून I जनरल वीपी मलिक ने कहा कि पाकिस्तान से तो हमें खतरा है ही, जिससे हम हर समय निपट सकते हैं। लेकिन, जब बात चीन की होती है तो इस मोर्चे पर हमारी तैयारियां काफी धीमी हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सेना का आधुनिकीकरण तो हो रहा है लेकिन उस रफ्तार से नहीं। चीन की सेना आधुनिकतम सेना में से एक है। चीन से मुकाबला हम पर भारी पड़ सकता है। यह बात जनरल मलिक ने देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल के अंतिम दिन कही। इस फेस्टिवल में अमर उजाला मीडिया पार्टनर है।

जनरल वीपी मलिक ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने को सही मगर देर से लिया गया फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि सेना में हर धर्म का सिपाही अपने कर्तव्य का पालन करता है।
राम चंद्र की जय और अल्लाह-हू-अकबर दोनों नारों के साथ लड़ा था युद्ध
युद्ध के समय या उससे पहले उसके लिए कोई धर्म विशेष मायने नहीं रखता बल्कि राष्ट्रवाद ही उसका धर्म होता है। कारगिल युद्ध भारतीय सैनिकों ने राजा राम चंद्र की जय और अल्लाह-हू-अकबर दोनों नारों के साथ लड़ा था।

कारगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने पर जनरल वीपी मलिक, उस समय के ब्रिगेडियर ओपी यादव और कर्नल अशोक किन्नी ने युद्ध के अनुभवों को साहित्य के मंच पर साझा किया। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के हर सैनिक की वीरगाथा देश के लिए महान संदेश है। फेस्टिवल के ‘ब्रेव हर्ट्स ऑफ  कारगिल सत्र’ में लेखक अर्चना बिष्ट ने जनरल मलिक के साथ लिखी अपनी किताब से कुछ अंश साझा किए।

जनरल मलिक ने कहा कि पाकिस्तान ने धोखा करके युद्ध किया था लेकिन हमारे सैनिकों ने राष्ट्रधर्म निभाते हुए उसे करारी शिकस्त दी। कारगिल युद्ध में हमारी सेना ने अपने शहीदों को तो सम्मान दिया और प्रत्येक का अंतिम संस्कार कराया। इसके साथ ही 250 पाकिस्तानी सेना के जवानों को भी पूरे सम्मान के साथ दफनाया, जिन्हें पाकिस्तान ने दहशतगर्द कहते हुए अपने सैनिक मानने से इनकार कर दिया था।
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