नई दिल्ली : सरकार ने बुधवार को संसद को बताया कि लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट्स को उनके आधार से जोड़ने का उसके पास कोई प्रस्ताव नहीं है। लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकार प्रसाद ने यह बात कही। उन्होंने कहा, 'लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट्स को उनके आधार संख्या से जोड़ने का कोई भी प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है।'
केंद्रीय कानून मंत्री उस सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें उनसे खासतौर से पूछा गया कि लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट्स को उनके आधार संख्या से जोड़ने के लिए क्या सरकार कोई कानून लाने वाली है? बीच-बीच में ऐसी रिपोर्टें आती रही हैं कि सरकार लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट्स को उनके आधार से जोड़ सकती है।
बता दें कि सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार से जोड़ने की मांग वाली अर्जियों पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। गत 14 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया जिसमें सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार से जोड़ने की मांग की गई थी। इस केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया के सभी मामलों के लिए शीर्ष अदालत आने की जरूरत नहीं है। 
सोशल मीडिया अकाउंट्स पर दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि सभी चीजों के लिए सुप्रीम कोर्ट आने की जरूरत नहीं है। यह मामला मद्रास हाई कोर्ट के समक्ष है और याची वहां का रुख कर सकता है। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई थी कि वह सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार कार्ड से जोड़ने के लिए सरकार को उचित कदम उठाने का निर्देश जारी करे। इस याचिका को वकील एवं भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने दायर किया था।
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