श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए हुए साढ़े तीन महीने गुजर चुके हैं. तब से लेकर अबतक जम्मू-कश्मीर के कई नेता हिरासत में हैं या नजरबंद हैं. लेकिन अब बीजेपी के जम्मू-कश्मीर प्रभारी राम माधव ने इन नेताओं की नजरबंदी हटाने के संकेत दिए हैं. राम माधव ने कहा है कि अब जम्मू-कश्मीर के नेताओं से राजनीतिक संवाद की जरूरत है. कश्मीर के नेताओं की भी बड़ी भूमिका है.
क्या कश्मीर के नेताओं की नजरबंदी हटने वाली है?
दिल्ली में एक कार्यक्रम में कल बीजेपी महासचिव राम माधव, जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल एनएन वोहरा और कांग्रेस सांसद शशि थरूर समेत तमाम लोग मौजूद थे. यहां कश्मीर के मौजूदा हालात पर खुलकर चर्चा हुई. इसी चर्चा में राम माधव ने कहा कि बहुत जल्द कश्मीर के नेता अपनी राजनीतिक गतिविधिय़ां शुरू कर सकते हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि घाटी के राजनेताओं को वो सम्मान करते हैं.
उमर अब्दुल्ला-महबूबा मुफ्ती वापसी करें- राम माधव
राम माधव ने कहा, ‘’निजी तौर पर मैं चाहता हूं कि कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियां शुरू होनी चाहिए. मैं घाटी के नेताओं का सम्मान करता हूं. उमर अब्दुल्ला या महबूबा मुफ्ती के पास मौका है कि वो वापसी करें और राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हों. इन नेताओं की जम्मू-कश्मीर की राजनीति में बड़ी भूमिका हो सकती है.’’
लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से हो प्रदर्शन- राम माधव
बीजेपी महासचिव ने कहा कि उमर अब्दुल्ला या महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं के पास राजनीति में वापसी का मौका है. लेकिन साथ ही राम माधव ये नसीहत भी देते नजर आए कि नजरबंदी से बाहर आने पर जो प्रदर्शन करेंगे, वो लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से हो. उन्होंने कहा, ‘’किसी के मन में ये शक और सवाल नहीं होना चाहिए कि घाटी के नेता जब बाहर आएंगे तो प्रदर्शन की अगुवाई करेंगे. लेकिन उन्हें ये पक्का करना होगा कि वो प्रदर्शन लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से हो.’’
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