दिनाँक 11 दिसम्बर मगरिब की नमाज़ के बाद जामा मस्जिद के अंदर जमीअत उलमा ए हिंद नजीबाबाद द्वारा एक मीटिंग की गई जिसमे सिटिजन अमेंडमेंट बिल (CAB) के ऊपर चर्चा की गई। इसके तहत यह बात सामने आई के इस बिल के ऊपर जो संशोधन किया गया है वह संविधान के खिलाफ है।   

नागरिकता एक्ट 1955 में किया गया संशोधन, भारतीय संविधान की मूलभूत धाराएं 14- 15 के विरुद्ध है जो किसी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग,जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर विभेद की आज्ञा नहीं देतीं। जमीयत उलेमा ए हिंद इस संशोधन को भारतीय संविधान के विपरीत मानती है। जमीयत उलेमा ए हिंद, संविधान एवं सिद्धांतों की समर्थक सभी पार्टियों से अपील करती है कि वह में पूरी क्षमता - शक्ति से इसका विरोध करें।

इसीलिए इस बिल के विरोध में जमीअत उलमा ए हिंद नजीबाबाद आने वाले जुमे (13 दिसम्बर) के दिन #नजीबाबाद की #जामा मस्जिद से उलेमा और ज़िम्मेदार साथियों की मौजूदगी में एक मेमोरेंडम नजीबाबाद की उप-जिलाधिकारी महोदय को देगी। 

सभी लोगों से यह अपील की गई है कि वह जुमे के दिन अपने हाथ पर काले रंग की पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराएं, इसमें सभी वर्ग के लोग शामिल हो सकते हैं क्योंकि जो चीज हुई है वह संविधान के खिलाफ है।
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