देहरादून I नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध के बीच प्रदेश सरकार और संगठन को प्रदेश में देवस्थानम अधिनियम (श्राइन बोर्ड ) के विवाद ने भी परेशान किया हुआ है। मानव संसाधन मंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के आवास में हुई आरएसएस, भाजपा संगठन और प्रदेश सरकार की समन्वय समिति की बैठक में यह मुद्दा जोर शोर से उठा। कहा गया कि देवस्थानम अधिनियम में तीर्थ पुरोहितों को उनके हितों के संरक्षण की सही जानकारी न दे पाने से हुई चूक के कारण यह विवाद उपजा। 
दिन भर चली बैठक में आरएसएस और संगठन की ओर से कई और मुद्दे भी उठाए गए। देवस्थानम अधिनियम पर सरकार की ओर से कहा गया कि पुरोहितों के सामने सही तस्वीर रखने की कोशिश की जा रही है। पुरोहित इस समय आंदोलनरत हैं। समन्वय समिति में इस बात पर भी चर्चा हुई कि पुरोहितों के सामने सही तरीके से इस अधिनियम की जानकारी पहुंचाई जाए।

समन्वय समिति की बैठक में दूसरा मुद्दा सीमांत क्षेत्र से पलायन का भी उठा। कहा गया कि उत्तराखंड की सीमाएं चीन और नेपाल से मिलती हैं। चीन सीमा पर बसे गांवों के खाली होने को गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है। सुझाव दिया गया कि सीमांत क्षेत्रों में सरकार बेरोजगारों को मानदेय देने की व्यवस्था करे, जिससे युवाओं को पलायन करने से रोका जा सके। मुख्यमंत्री के मुताबिक प्रदेश सरकार अब नीति आयोग के साथ मिलकर इस पर काम करने जा रही है। 

उच्च शिक्षा भी आई निशाने पर 
समन्वय समिति की बैठक में उच्च शिक्षा का मुद्दा भी उठा। मानव संसाधन विकास मंत्री ने नई शिक्षा नीति की जानकारी दी। समन्वय समिति में कहा गया कि प्रदेश में उच्च शिक्षा में सुधार के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है। सेमेस्टर सिस्टम पर भी बातचीत हुई। सरकार की ओर से बताया गया कि उच्च शिक्षा में सुधार के साथ ही सरकारी शिक्षा को भी तवज्जो दी जा रही है। यह भी कहा गया कि  आरटीई का पैसा भी अभी तक केंद्र सरकार से जारी नहीं हुआ है।  

ये उठे मुद्दे

- देवस्थानम अधिनियम (श्राइन बोर्ड) का विवाद 
- गन्ना किसानों का भुगतान न होने पर चिंता जताई गई
- शिक्षा के अधिकार मामले में मानकों का सरलीकरण किया जाए, आरटीई का पैसा जारी किया जाए
- संस्कृत शिक्षा 
- सीमांत क्षेत्रों से पलायन पर चिंता जताई गई
- उच्च शिक्षा में सुधार की गुंजाइश जताई गई
- पांचों सांसदों ने अपने क्षेत्र के विकास का रोडमैप सामने रखा
- सरकार ने अपनी उपलब्धियों को सामने रखा 

ये हुए शामिल
आरएसएस से क्षेत्र प्रचारक आलोक , प्रांत प्रचारक युद्धवीर और प्रांत की पूरी टीम, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, महामंत्री संगठन अजय कुमार, केंद्रीय मंत्री और हरिद्वार संासद रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद और प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, माला राज्य लक्ष्मी शाह, अजय टम्टा, तीरथ सिंह रावत
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