देहरादून I उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ और चमोली जिले के गौचर हवाई पट्टी से शीघ्र ही हेली सेवा शुरू की जाएगी। हेली सेवा संचालन के लिए एविएशन कंपनी का चयन होने के बाद सरकार नए साल से इसके संचालन की तैयारी में जुट गई है। सरकार का मानना है कि प्रदेश के एयर कनेक्टिविटी के विस्तार से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, प्राकृतिक आपदा के दौरान हेली सेवा से बचाव और राहत कार्य में मदद मिलेगी। 
चिन्यालीसौड़ और गौचर हवाई पट्टी से हेली सेवा शुरू होने का इंतजार खत्म होने वाला है। केंद्र सरकार ने हेली सेवा संचालित करने के लिए हैरिटेज कंपनी का चयन किया है। चिन्यालीसौड़ और गौचर के लिए देहरादून स्थित सहस्त्रधारा हेलीपैड से सेवा का संचालन किया जाएगा।

इसके लिए उत्तराखंड सिविल एविएशन अथॉरिटी ने तैयारी शुरू कर दी है। दोनों स्थानों पर हेली सेवा के संचालन से चारधाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को एयर कनेक्टिविटी की सुविधा मिलेगी। बता दें कि उड़ान योजना के तीसरे चरण में प्रदेश के 16 स्थानों पर हेली सेवा का संचालन किया जाना है।

हवाई पट्टी निर्माण के 27 साल बाद शुरू होगी सेवा 

सरकार की पहली प्राथमिकता चिन्यालीसौड़ और गौचर हवाई पट्टी से हेली सेवा को शुरू करने की है। इसके लिए हवाई पट्टी पर हेली सेवाओं के लिए आवश्यक सुविधाओं को स्थापित किया गया है। सचिव, नागरिक उड्डयन विभाग दिलीप जावलकर ने बताया कि चिन्यालीसौड़ और गौचर हवाई पट्टी में नए साल से हेली सेवा शुरू हो जाएगी। इसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है। 

उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ में वर्ष 1992 में नागरिक उड्डयन विभाग  ने 776 नाली भूमि पर हवाई पट्टी का निर्माण किया था। यह हवाई पट्टी 23 मीटर चौड़ी और 1165 मीटर लंबी है।

हवाई पट्टी बने 27 साल हो चुके है, अब जाकर यहां से हेली सेवा का संचालन शुरू होने वाला है। इसी तरह गौचर हवाई पट्टी बन कर तैयार है, लेकिन यहां भी हेली सेवा शुरू नहीं हो सकीं थी। अब हैरिटेज एविएशन कंपनी दोनों ही स्थानों पर हेली सेवा का संचालन करेगी।
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