देहरादून । विभिन्न मांगों के लिए परिवहन निगम कर्मचारी 17 जनवरी को धरना प्रदर्शन करेंगे। मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई तो 18 जनवरी की मध्यरात्रि से बसों का संचालन ठप करेंगे। इस संबंध में परिवहन निगम कर्मचारी यूनियन ने प्रबंध निदेशक को ज्ञापन सौंप दिया है।
ज्ञापन में हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक सरकार को परिवहन निगम को दिए जाने वाला 68 करोड़ रुपये बकाया तत्काल दिया जाए। ताकि कर्मचारियों को वेतन समेत अन्य भुगतान किया जा सके। देहरादून आईएसबीटी परियोजना के निर्माण और इसके संचालन में हुई अनियमितताओं की उच्चस्तरीय जांच की जाए।

यूनियन ने मांग उठाई कि कर्मचारियों को वेतन ग्रेड पे, चिकित्सा अवकाश, आकस्मिक अवकाश समेत अन्य भुगतान तत्काल किए जाएं। साथ ही विशेष श्रेणी संविदा चालकों, परिचालकों को नियमित चालकों एवं परिचालकों की तरह वेतन और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।

यूनियन पदाधिकारियों ने बताया कि 17 जनवरी को यूनियन पदाधिकारी व कर्मचारी धरना प्रदर्शन करेंगे। 17 जनवरी तक मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई तो 18 जनवरी की मध्य रात्रि से बसाें का संचालन ठप कर दिया जाएगा।

रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद का 16 से कार्य बहिष्कार

परिवहन निगम कर्मचारियों को दो माह का बकाया वेतन देने, भ्रष्टाचार के आरोपों में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ  कार्रवाई करने आदि मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने भी 18 जनवरी से चक्काजाम की चेतावनी दी है। चक्का जाम से पहले परिषद पदाधिकारियों और इससे जुड़े कर्मचारियों ने 16 जनवरी से सामूहिक अवकाश को लेकर कार्य बहिष्कार का भी एलान किया है। परिषद पदाधिकारियों ने मंडलीय प्रबंधक को इस संबंध में नोटिस दे दिया है।

परिषद के क्षेत्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह और क्षेत्रीय मंत्री राकेश पेटवाल की ओर से सोमवार को प्रबंधक को सौंपे नोटिस में बताया कि 15 (बुधवार) तक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो 16 जनवरी को देहरादून में पर्वतीय डिपो, कार्यशाला, प्रशासनिक शाखा, ग्रामीण डिपो बी, जेएनएनयूआरएम देहरादून डिपो से जुड़े पदाधिकारी, कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेकर कार्य बहिष्कार करेंगे।

अगले दिन रुड़की डिपो, हरिद्वार डिपो, जेएनएनयूआरएम हरिद्वार डिपो, ऋ षिकेश डिपो, श्रीनगर डिपो, कोटद्वार डिपो और इनसे संबंधित कार्यशालाओं के कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। दो दिन के सामूहिक अवकाश व कार्य बहिष्कार के बाद भी यदि सरकार, शासन ने मांगों पर विचार नहीं किया तो 18 जनवरी से चक्काजाम कर बसों का संचालन ठप कर दिया जाएगा। इसके लिए अलग से कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा। पदाधिकारियों का कहना है कि प्रबंधन हठधर्मी रवैया अख्तियार किए हुए हैं। इसी को देखते हुए परिषद ने आंदोलन का बिगुल फूंकने का निर्णय लिया है। 
Share To:

Post A Comment: