मुंबई। साल 2019 में आस्ट्रेलिया पांच मैचों की वनडे सीरीज के लिए भारत आई थी। तब वह बुरे दौर से गुजर रही थी और किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह भारत को उसके घर में हरा सकती है. शुरुआती दो मैचों में मिली हार ने भी इस बात की तस्दीक कर दी थी. लेकिन एरॉन फिंच की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलिया ने अगले लगातार तीन मैच जीत 3-2 से सीरीज हथियाई. अब एक बार फिर उसकी नजरें मंगलवार से शुरू हो रही तीन मैचों की सीरीज में भारत के खिलाफ इसी कहानी को दोहराने पर है. तीन मैचों की वनडे सीरीज का पहला मैच मंगलवार को वानखड़े स्टेडियम में खेला जाएगा.

भारत को उस हार की टीस तो होगी और इसी कारण वह इस बार हिसाब बराबर करना चाहेगी. घर में भारत यह करने में सक्षम है, इसमें कोई शक नहीं है, लेकिन विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम को इस बार पहले से मजबूत आस्ट्रेलियाई टीम का सामना करना है. ऑस्ट्रेलिया 2019 में जब भारत आई थी तो उसका आत्मविश्वास हिला हुआ था. भारत ने उसको उसके घर में हराया था। स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर जैसे उसके दो दिग्गज बल्लेबाज बॉल टेम्परिंग के कारण लगे प्रतिबंध के चलते टीम से बाहर थे. इस बार जो ऑस्ट्रेलियाई टीम आई है, वह आत्मविश्वास से भी भरपूर है और इस टीम में स्मिथ तथा वार्नर भी हैं. साथ ही पुरानी टीम के वे सदस्य भी हैं जो भारत को हराकर गए थे और एक बात यह भी है कि वे सभी अब पहले से ज्यादा अनुभवी और काबिल हो गए हैं.

ऑस्ट्रेलिया ने घर में न्यूजीलैंड और पाकिस्तान का सूपड़ा साफ किया. उससे पहले इंग्लैंड में खेले गए विश्व कप में वह सेमीफाइनल तक पहुंची. इन सभी से उसको आत्मविश्वास मिला है. इस दौरान गौर करने वाली यह भी है कि ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड में एशेज भी सफलतापूर्वक अपने पास रखी जिसमें स्मिथ का बल्ला जमकर बोला. वार्नर भी पीछे नहीं रहे। घर में वह लगाातर रन उगलते रहे. मार्नस लाबुशैन के तौर पर पांच बार की विश्व विजेता को एक और बेहतरीन खिलाड़ी मिला. वनडे में वह पहली बार आए हैं और यह देखना दिलचल्प होगा कि क्या फिंच उन्हें वनडे पदार्पण का मौका देते हैं या नहीं और अगर यह बल्लेबाज पदार्पण करता है तो क्या टेस्ट फॉर्म को वनडे में भी जारी रख सकेगा?

भारत के लिहाज से यह विश्व कप के बाद से उसकी अभी तक की सबसे बड़ी चुनौतीपूर्ण सीरीज है. बेशक भारत घर में खेल रही है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया का नाम उसे परेशान जरूर करेगा. घर में भारत ने हाल ही में बांग्लादेश, वेस्टइंडीज और श्रीलंका को हराया है. इन सभी के मुकाबले आस्ट्रेलिया ज्यादा मजबूत है. उसका गेंदबाजी आक्रमण भी दमदार है और इसलिए एक बार फिर भारत के सामने अपने मध्य क्रम को परखने का मौका होगा. कप्तान कोहली भी इस बात को मान चुके हैं कि टीम में अगर शीर्ष क्रम विफल हो जाए तो उन्हें ऐसे खिलाड़ी चाहिए जो जिम्मेदारी लेकर मैच जिता सकें.

मध्य क्रम में ऋषभ पंत पर भरोसा किया जाना मुश्किल है. अपने लापरवाह शॉट चयन के कारण वह विकेट फेंकते आए हैं. विंडीज के खिलाफ उन्होंने एक अर्धशतक जमाया था, लेकिन पैट कमिस, मिशेल स्टार्क, जोश हेजलवुड और केन रिचर्डसन के सामने उनका बल्ला क्या करता है यह देखना होगा. वहीं श्रेयस अय्यर, मनीष पांडे, केदार जाधव को एक बार फिर परीक्षा से गुजरना होगा. इन सभी के जिम्मे ही मध्य क्रम है. हार्दिक पांड्या टीम में नहीं है और उनके स्थान पर शिवम दुबे हरफनमौला खिलाड़ी की भूमिका से ऑस्ट्रेलिया के सामने कितना न्याय कर पाते हैं यह भी सवाल है.

सलामी बल्लेबाजी में भी कोहली को चिंता होगी. रोहित शर्मा को श्रीलंका के खिलाफ आराम दिया गया था. उनकी गैरमौजूदगी में चोट से वापसी कर रहे शिखर धवन ने अच्छा किया. लोकेश राहुल ने भी बीती सीरीजों में सलामी बल्लेबाज की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है. तीन सलामी बल्लेबाजों में दो का चयन करना कोहली के लिए टेढ़ी खीर होगी. गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी हैं. ये दोनों कितने खतरनाक हैं यह आस्ट्रेलिया भी जानती है. नवदीप सैनी को भी मौका मिला है और वह आस्ट्रेलिया के लिए सरप्राइज पैकेज हो सकते हैं. स्पिन में कोहली कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल के साथ जाएंगे या इन दोनों में से एक को रखकर रवींद्र जडेजा को चुनेंगे, यह भी टीम प्रबंधन का विषय है, जिस पर माथापच्ची होगी, क्योंकि कुलदीप और चहल की जोड़ी मध्य के ओवरों में काफी प्रभावी रही है और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह उसके लिए एक एडवांटेज हो सकता है.

टीमें (संभावित) :-
भारत: विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा (उप-कप्तान), जसप्रीत बुमराह, युजवेंद्र चहल, शिखर धवन, शिवम दुबे, श्रेयस अय्यर, रवींद्र जडेजा, केदार जाधव, कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी, मनीष पांडे, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), लोकेश राहुल, नवदीप सैनी, शार्दूल ठाकुर.

ऑस्ट्रेलिया: एरॉन फिंच (कप्तान), एलेक्स कैरी, पैट कमिंस, एश्टन अगर, पीटर हैंड्सकॉम्ब, जोश हेजलवुड, मार्नस लाबुशैन, केन रिचर्डसन, डी आर्की शॉर्ट, स्टीव स्मिथ, मिशेल स्टार्क, एश्टन टर्नर, डेविड वार्नर, एडम जाम्पा.
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