नई दिल्ली I मोदी सरकार की 'जन विरोधी' नीतियों के खिलाफ 10 ट्रेड यूनियन्स की तरफ से बुधवार को भारत बंद पर देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि एसबीआई पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। एसबीआई ने शेयर बाजार को एक सूचना में कहा, 'बैंक के बहुत कम कर्मचारी ऐसे हैं, जो हड़ताल करने वाले यूनियन का हिस्सा हैं, इसलिए इस हड़ताल का बैंक के कामकाज पर बेहद कम असर पड़ेगा।'
बीओबी ने ग्राहकों को चेताया
वहीं, दूसरी तरफ बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा है कि वह हड़ताल के दिन अपनी तमाम शाखाओं और कार्यालयों में कामकाज सामान्य करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है। बीओबी ने चेतावनी देते हुए कहा, 'अगर हड़ताल होती है तो बैंक के शाखाओं/कार्यालयों का कामकाज पूरी तरह प्रभावित हो सकता है।' 22,000 शाखाओं के साथ एसबीआई देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है, जबकि विजया बैंक तथा देना बैंक के विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा तीसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन गया है।
बैंकिंग सेवा पर पड़ेगा बड़ा असर
सिंडिकेट बैंक ने एक पब्लिक नोटिस में अपने ग्राहकों से धैर्य बनाए रखने को कहा है और उनसे आठ जनवरी से पहले ही जरूरी लेनदेन कर लेने को कहा है। पांच बैंक एंप्लॉयी एवं ऑफिसर्स यूनियन के एक समूह द्वारा बुलाया गया बंद सफल होता है तो सरकारी बैंक इससे सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं।
बैंकिंग विलय, सुधारों का विरोध
ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयीज असोसिएशन (AIBEA), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स असोसिएशन (AIBOA), बैंक एंप्लॉयीज फेडरेशन ऑफ इंडिया (BEFI), इंडियन नैशनल बैंक एंप्लॉयीज फेडरेशन (INBEF) तथा इंडियन नैशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (INBOC) ने ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद में हिस्सा लेने के लिए पिछले महीने संयुक्त तौर पर एक सर्कुलर जारी किया था। मोदी सरकार द्वारा सरकारी बैंकों का विलय और बैंकिंग सुधारों को लेकर बैंकिंग यूनियंस केंद्र से नाराज चल रहे हैं।
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