मुंबई। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने यह बता कर सनसनी फैला दी कि पूर्व पीएम इंदिरा गांधी पहले अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मिलने के लिए जाती थीं। इसके साथ ही उन्होंने तमाम सारे चौंकाने वाली जानकारियां दी। जाहिर था कि इस पर सियासत होती। इस विषय पर जैसे ही राजनीति शुरू हुई संजय राउत की तरफ से सफाई आई ये बात अलग है कि कांग्रेस को उनकी दलील रास नहीं आई। 

उद्धव ठाकरे सरकार में कांग्रेस कोटे से मंत्री नितिन राउत आगबबूला हो गए और एक तरह से शिवसेना को चुनौती तक दे डाली। नितिन राउत ने कहा कि इंदिरा गांधी न सिर्फ राजनेता बल्कि आदर्श थीं।संजय राउत बीजेपी के खिलाफ भी इस तरह की टिप्पणियां किया करते थे जबकि वो सरकार का हिस्सा थे। अगर वो सोचते हैं कि कांग्रेस उसी तरह से पेश आएगी तो उनकी सोच गलत है। हम ईंट का जवाब पत्थर से देना जानते हैं।

संजय राउत की तरकश से तीर निकल चुकी थी। उनके बयान पर बवाल मचना स्वभाविक था। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई। लेकिन पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस और उद्धव ठाकरे दोनों पर सवाल उठाए और सफाई मांगी। फडणवीस ने कहा कि आखिर कांग्रेस सत्ता के लिए क्या अपने आप को जमीन में मिला देगी तो महाराष्ट्र के सीएम से पूछा कि क्या अंडरवर्ल्ड से संबंध रखने वाली पार्टी के साथ रिश्ता रखना चाहिए। 
अब यह भी जानना जरूरी है कि संजय राउत  ने अपनी सफाई में क्या कहा। वो कहते हैं कि इंदिरा गांधी इस लिए करीम लाला से मुलाकात करती थीं क्योंकि वो दलित वंचित समाज का प्रतिनिधित्व करते थे। एक नेता का दूसरे नेता से मुलाकात में आखिर परेशानी क्या है। राउत ने कहा कि जब वो बीजेपी के साथ सरकार में थे और इंदिरा गांधी या जवाहर लाल नेहरू के बारे में कुछ कहा जाता था तो उसके खिलाफ आवाज उठाते थे।
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