क़ाज़ी इबाद शकेब की रिपोर्ट

हिंदी उर्दू समागम का लायंस क्लब के तत्वाधान में हुआ आयोजन 

(अयोध्या) लायंस क्लब रुदौली के तत्वाधान में कुमार टॉकिज रुदौली  के सभागार में हिंदी उर्दू समागम का आयोजन किया गया।
समागम में नामचीन साहित्यकारों सहित बड़ी हस्तियों ने हिस्सा लिया।हिंदी उर्दू साहित्यकारों का संगम हुआ तो संगम से सद्भाव का संदेश निकला।
मुख्य अतिथि पूर्व आईजी आर के एस राठौर ने कहा कि रुदौली से उनका नाता जीवन पर्यंत बन गया है। अदब व तहजीब की नगरी को कौमी एकता विरासत में मिली है।मख्दूम साहब को याद करते हुए कहा कि यह सूफी संतों का नगर है। मजाज जैसा शायर यहां जन्मा।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अवध विश्विद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ0 राम शंकर त्रिपाठी ने कहा कि साहित्य से जुड़ा अफसर नेता व पूंजीपति कभी  भ्रष्टाचारी नहीं हो सकता है।
उर्दू कविता में प्रकृति प्रेम न होने की बात बताते हुए त्रिपाठी ने कहा कि उर्दू में आज तक कोई महाकाव्य नहीं लिखा गया।यश भारती से सम्मानित प्रो0 शारिब रुदौलवी ने दस्त ए जुनूं के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि उर्दू की आधुनिक कविता में सबसे बड़ा नाम शाह इकबाल का है।साहित्यकार आरिफ महमूद ने कहा कि यह रुदौली का साहित्यप्रेम है कि ऐसे कार्यक्रम यहां हर महीने आयोजित होते हैं। संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य डॉ0 आंनद ओझा ने अपने शेरों से समां बांध दी।एसपी ग्रामीण शैलेंद्र कुमार सिंह ने शेर लिखी नहीं जाती कही जाती है।कार्यक्रम के संयोजक समाजसेवी डॉ0 निहाल रजा ने कहा कि यह 14 मई 2004 को शाह इकबाल ने पीजीआई में इमरजेंसी से आईसीयू ले जाते वक्त उनकी गोद में अंतिम सांस ली।उनके काव्य संकलन को लोकार्पित कर धन्य समझ रहा हूं।इससे पहले सभी अतिथियों ने काव्य संकलन का लोकार्पण किया।कार्यक्रम को वरिष्ठ पत्रकार शीतला सिंह,विंग कमांडर गुफरान अहमद,सीओ डीके यादव,महमूद सुहेल ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर शदाब फातिमा,उर्फी वसीम,फौजिया वसीम,अनिल खरे,महमूद सुहेल,डॉ0 अनवर हुसैन खां,ओपी शर्मा,चौधरी अजीमुद्दीन,डॉक्टर शरीफ भेलसर,सभासद इरफान खां,शिव प्रकाश कसौंधन,निष्काम गुप्त,हरिशंकर शुक्ल,सपा नेता शाह मसूद हयात गजाली,शकील रुदौलवी सहित बड़ी संख्या में साहित्य के मर्मज्ञ विद्वान व साहित्य प्रेमी मौजूद रहे।
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