देहरादून: उत्तराखंड में समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक और तीन तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलेगा। शासन ने इन अफसरों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। ये सभी अफसर छात्रवृत्ति घोटाले में फंसे हैं और जमानत पर हैं। 
प्रदेश में करोड़ों रुपये के हुए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने शासन से इन अफसरों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी। मंगलवार को सचिव (समाज कल्याण) एल फैनई ने मुकदमा चलाने की मंजूरी देने का आदेश जारी कर दिया। ये मंजूरी भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत हुई कार्रवाई में पर्याप्त सबूत होने पर दी गई है।
इस संबंध में शासन ने मामले के जांच अधिकारी सहायक पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल को आदेश की प्रति जारी की है। अग्रवाल ने नौ दिंसबर को विभाग को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने विभाग के संयुक्त निदेशक व हरिद्वार के तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी गीताराम नौटियाल, तत्कालीन सहायक समाज कल्याण अधिकारी सोम प्रकाश, मुनीष कुमार त्यागी व विनोद कुमार नैथानी पर धोखाधड़ी करने, साजिश रचने, सरकारी धन का गबन करने व पद का दुरुपयोग करने की धाराओं में मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी।

हाईकोर्ट ने भी लिया था नोटिस

शासन को अनुमति देने में 40 से अधिक दिन लगे। इस दौरान शासन ने जांच अधिकारी से प्रकरण से संबंधित केस डायरी व अन्य ब्योरा मांगा। इसके बाद न्याय विभाग से सलाह ली। न्याय विभाग से सहमति मिलने के बाद शासन ने मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी।

जांच अधिकारी को मुकदमा चलाने की अनुमति में देरी का मसला हाईकोर्ट के सामने भी आया था। गत 16 दिसंबर को छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में हुई सुनवाई के दौरान न्यायालय ने विभागीय सचिव को अगली सुनवाई पर इस संबंध में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। कोर्ट के आदेश के बाद शासन स्तर पर तत्कालीन विभागीय अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की प्रक्रिया में तेजी आई और अब मंजूरी जारी की गई।
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