देहरादून । प्रदेश में शिक्षकों के रिक्त पदों पर मंगलवार को पांच हजार गेस्ट टीचरों की तैनाती का रास्ता साफ हो गया है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने गेस्ट टीचरों की भर्ती पर लगी रोक हटा दी है। स्थायी शिक्षक न मिलने तक इनकी तैनाती की जाएगी। इस फैसले से विभाग में लंबे समय से बनी शिक्षकों की कमी की समस्या दूर होगी। 
शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक और प्रवक्ताओं के पांच हजार से अधिक पद रिक्त हैं। रिक्त पदों पर शिक्षकों की तैनाती की जा सके, इसके लिए विभाग समय-समय पर शिक्षकों के चयन का प्रस्ताव भर्ती आयोग को भेजता रहा है।

स्थायी शिक्षकों के चयन के लिए विभाग की ओर से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेजने के बाद भी चयन में देरी होती रही है। यही वजह है कि सरकार ने स्कूलों में स्थायी शिक्षकों की तैनाती न होने तक गेस्ट टीचरों की तैनाती का निर्णय लिया था। 

सरकार के इस निर्णय के बाद दिसंबर 2018 में स्कूलों में गेस्ट टीचरों की चयन प्रक्रिया शुरू की गई। चार हजार से अधिक पदों पर प्रवक्ता और आठ सौ से अधिक पदों पर सहायक अध्यापकों की गेस्ट टीचर के रूप में तैनाती की जानी थी।

प्रदेश के टिहरी, हरिद्वार और चंपावत जिले में कुछ उम्मीदवारों को तैनाती पत्र भी दे दिए गए। जबकि प्रदेश के अन्य जनपदों में इसकी प्रक्रिया चल रही थी। इस दौरान सेवाएं समाप्त होने से कुछ उम्मीदवार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए थे।

सुप्रीम कोर्ट से रोक के चलते प्रदेशभर में गेस्ट टीचरों की तैनाती प्रक्रिया पर रोक लग गई थी। उत्तराखंड गेस्ट टीचर संगठन के प्रदेश महामंत्री दौलत जगुड़ी ने कहा कि गेस्ट टीचर पिछले काफी समय से स्कूलों में तैनाती की मांग कर रहे थे। 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गेस्ट टीचरों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। जब तक स्थायी शिक्षक नहीं मिलते, स्कूलों में गेस्ट टीचरों की तैनाती की जाएगी। इससे प्रदेश भर के स्कूलों में लंबे समय से चली आ रही शिक्षकों की कमी की समस्या दूर होगी।
-अरविंद पांडे, शिक्षा मंत्री 

प्रदेश में लगभग चार हजार प्रवक्ता और आठ सौ गेस्ट टीचरों का चयन पूर्व में हो चुका है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से रोक होने से इन्हें स्कूलों में तैनाती नहीं दी जा सकी थी। कोर्ट का फैसला मिलते ही आदेश के अनुसार गेस्ट टीचरों की तैनाती की जाएगी।
-आरके कुंवर, शिक्षा निदेशक 
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