देहरादून। उत्तराखंड को यूं ही वीर भूमि नहीं कहा जाता। देश और सरहद की रक्षा में उत्तराखंड के जवानों का कोई सानी नहीं रही है। जब भी कोई युद्ध हुआ उत्तराखंड के वीरों ने अपनी जाबांजी की मिसाल पेश की है।
कम जनसंख्या होने के बाद भी वीरता में उत्तराखंड हमेशा अव्वल रहा। जाबांजी आजादी से पहले हो या बाद में, हमेशा यहां के जवानों ने अपनी बहादुरी का लोहा मनवाया है। आजादी से पहले जहां तीन विक्टोरिया क्रॉस सहित 364 वीरता पदक उत्तराखंड के नाम रहे हैं।

वहीं आजादी के बाद भी यहां के जवानों ने देश और सरहद की रक्षा में कभी अपने कदम पीछे नहीं खींचे। आजादी के बाद से अब तक यहां के बहादुरों ने एक परमवीर चक्र, छह अशोक चक्र, 13 महावीर चक्र, 32 कीर्ति चक्र सहित 1343 वीरता पदक अपने नाम किए हैं।

यह हैं उत्तराखंड के हीरो

सूबेदार मेजर दरवान सिंह : विक्टोरिया क्रॉस।
ऑनरेरी कैप्टन गजे सिंह घले : विक्टोरिया क्रॉस।
राइफलमैन गब्बर सिंह: विक्टोरिया क्रॉस (मरणोपरांत)।
 ले. जनरल डीएस थापा : परमवीर चक्र।
नायक भवानी दत्त जोशी : अशोक चक्र (मरणोपरांत)।
कप्तान उमेद सिंह : अशोक चक्र (मरणोपरांत)।
हवलदार गजेंद्र सिंह बिष्ट : अशोक चक्र (मरणोपरांत)।
हवलदार बहादुर सिंह बोहरा : अशोक चक्र (मरणोपरांत)
नायक मोहन नाथ गोस्वामी : अशोक चक्र (मरणोपरांत)

स्वतंत्रता से पूर्व वीरता पदक

विक्टोरिया क्रॉस : 03
मिलिट्री क्रॉस :25
इंडियन ऑर्डर ऑफ  मेरिट : 53
इंडियन डिस्टिंग्विस्ड सर्विस मेडल: 89
मिलिट्री मेडल : 44
मेंशन-इन-डिस्पैच : 150

आजादी के बाद 1947 से अब तक

परमवीर चक्र : 01
अशोक चक्र : 06
महावीर चक्र : 13
कीर्ति चक्र : 32
उत्तम युद्ध सेवा मेडल : 03
वीर चक्र :102
शौर्य चक्र :182
युद्ध सेवा मेडल : 32
सेना, नौ सेना, वायु सेना मेडल : 788
मेंशन-इन-डिस्पैच : 184
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