नैनीताल । राज्यसभा सदस्य और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से उत्तराखंड हाईकोर्ट में देवस्थानम अधिनियम के खिलाफ याचिका दायर की गई है। उन्होंने अधिनियम को असंवैधानिक और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताते हुए निरस्त करने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की है। 
स्वामी ने कहा कि 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में साफ कहा है कि सरकार मंदिर का प्रबंधन हाथ में नहीं ले सकती। वित्तीय गड़बड़ी होने पर सरकार अल्पकालिक प्रबंधन ले सकती है मगर सुधार के बाद सरकार को प्रबंधन सौंपना होगा। उन्होंने साफ कहा कि मंदिर का संचालन सरकार का काम नहीं बल्कि भक्त व हक हकूकधारियों का है।

सरकार की परेशानी में इजाफा होना तय
वहीं देवस्थानम अधिनियम के खिलाफ याचिका दायर होने से सरकार की परेशानी में इजाफा होना तय है। चारों धामों के मंदिरों का श्राइन बोर्ड की तर्ज पर प्रबंधन करने के लिए प्रदेश सरकार यह अधिनियम लेकर आई थी। 

कुछ समय पहले ही तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने देवस्थानम अधिनियम के विरोध में सुब्रमण्यम स्वामी से संपर्क किया था। स्वामी ने महापंचायत को अदालत में इस मामले को चुनौती देने का आश्वासन दिया था।

सोमवार को स्वामी ने ट्वीट किया कि वे इस अधिनियम को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर करने जा रहे हैं। स्वामी के इस ट्वीट को कुछ समय बाद ही 15 हजार लाइक मिल गए। यह ट्वीट 3376 रिट्वीट भी किया गया। देर शाम यह याचिका दाखिल भी हो गई। 
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