देहरादून I मदद की आस लगाए बैठे श्रमिकों के लिए अच्छी खबर है। निर्माण कार्यों में लगे अपंजीकृत श्रमिकों के अब लॉकडाउन में भी पंजीकरण शुरू होने वाले हैं। इसके लिए भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड ने जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर श्रमिकों के पंजीकरण कराने को कहा है। पंजीकरण के साथ ही उन्हें सरकार की ओर से घोषित एक-एक हजार रुपये भी भेजे जाएंगे। लॉकडाउन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी पंजीकृत श्रमिकों के खातों में एक-एक हजार रुपये भेजने की घोषणा की थी, ताकि वे संकट की घड़ी में अपने लिए आवश्यक चीजें जुटा सकें। इस घोषणा का लाभ उन्हीं मजदूरों को मिल सका था, जिनका कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकरण है। जिले में भी ऐसे लगभग 40 हजार से ज्यादा श्रमिक लाभान्वित हो चुके हैं।
अभी लॉकडाउन के कारण न तो पंजीकरण हो रहे हैं और न ही नवीनीकरण। ऐसे में श्रमिकों या पंजीयन वैधता समाप्त वाले श्रमिकों को यह लाभ नहीं मिल सका था। अब लॉकडाउन में सरकार ने फिर से एक एक हजार रुपये पंजीकृत श्रमिकों के खाते में जमा कराने की घोषणा की है। इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लोग लाभ उठा सकें, इसके लिए अब कर्मकार कल्याण बोर्ड ने नए निर्देश जारी किए हैं। सहायक श्रमायुक्त अरविंद सैनी ने बताया कि बोर्ड की ओर से सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। उनसे कहा गया है कि उनके यहां जो भी निर्माण कार्यों में लगे श्रमिक हैं उनका स्थानीय सहायक श्रमायुक्त से संपर्क कर पंजीकरण कराया जा सकता है। जिन स्थानों पर पहले पंजीकरण हो रहे थे वहीं पर दोबारा से पंजीकरण कराए जा सकेंगे। ताकि अधिक से अधिक श्रमिकों को इसका लाभ दिया जा सके।

पंजीकरण के तत्काल बाद दी जाएगी मदद
अभी तक अपंजीकृत श्रमिकों को राशन किट उपलब्ध कराई जा रही थी। इसमें आटा, दाल, चावल समेत जरूरत के सभी सामान उपलब्ध था लेकिन अब पंजीकरण के लिए कहा गया है तो निर्देश यह भी हैं कि इसके तत्काल बाद ही इन्हें धनराशि भी मुहैया कराई जाई।

15 से 20 हजार की हो गई थी वैधता समाप्त
जिले में निर्माण में लगे पहले 55 से 60 हजार मजदूर थे लेकिन समयावधि बीत जाने के बाद लगभग 15 से 20 हजार श्रमिकों के पंजीकरण की वैधता समाप्त हो गई थी। ऐसे में इन लोगों को एक-एक हजार रुपये की धनराशि खातों में प्राप्त नहीं हो सकी थी। अब ये लोग भी नवीनीकरण करा सकेंगे।


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